विभाग के अधिकारी दो से तीन दिन में इन प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई के लिए निशान लगाएंगे। उसके बाद प्रशासन संबंधित विभाग को फोर्स से लेकर अन्य मदद मुहैया कराकर कार्रवाई करेगा। यही नहीं, जल संसाधन खंड को हर तीन माह में सिलीसेढ़ का सर्वे भी करना है ताकि भविष्य में झील के बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण न होने पाए। कार्रवाई की जद में वह होटल भी आ रहे हैं जो सरिस्का बफर एरिया में बने हैं। दूसरे चरण में बफर एरिया में बने होटलों पर कार्रवाई होगी। इस कार्रवाई के डर से होटल संचालक नेताओं से लेकर अफसरों के पास दौड़ लगा रहे हैं।
राजस्थान पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
सिलीसेढ़ झील के बहाव क्षेत्र में होटल बनाने से लेकर तमाम तरह के अतिक्रमण करने का मामला राजस्थान पत्रिका ने उठाया था। साथ ही सरिस्का के बफर एरिया में भी होटल बन गए। मुद्दा उठाया तो दोनों ही मामलों का सर्वे किया गया। विधानसभा में भी यह मुद्दा नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली व रामगढ़ विधायक जुबेर खान ने उठाया। उसके बाद प्रशासन हरकत में आया। अब अतिक्रमण हटाने की पूरी तैयारी है।
सिलीसेढ़ एरिया में जल संसाधन खंड ने अतिक्रमण को लेकर सर्वे किया है। अब अतिक्रमण चिह्रित करके विभाग आगे की कार्रवाई करेगा। दो से तीन दिन में यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। जल संसाधन खंड को अतिक्रमण हटाने के लिए जो भी मदद चाहिए, वह प्रशासन करेगा।
प्रतीक जुईकर, एसडीएम अलवर सिलीसेढ़ के अतिक्रमण दो से तीन दिन में चिह्रित कर लिए जाएंगे। उसके बाद हटाने की कार्रवाई शुरू होगी।
संजय खत्री, एक्सईएन, जल संसाधन खंड