ग्राम पंचायत कुट्टीन में स्थित पीतमपुरा बांध आसपास के बांधों में सबसे बड़ा है। इससे नगर पालिका खेरली सहित आसपास के गांवों को न केवल पीने को पानी उपलब्ध हो पाता था, बल्कि सिंचाई के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था रहती थी। इन दिनों बढ़ते शहरीकरण एवं भू-माफियाओं के दुस्साहस ने बांध को भी नहीं छोड़ा है। उन्होंने बांध के मार्ग को अवरुद्ध करते हुए मकान बनाने के लिए प्लाट काट दिए और काटे भी जा रहे है। बांध की पाल के बिल्कुल समीप भूमि पर बिना अनुमति व भू-रूपांतरण के प्लाट काट कर कॉलोनियां बसाना शुरू कर दिया है। यहां तक कि बांध से निकलने वाले ओवरफ्लो व बांध की मोरी से निकलने वाले पानी के लिए खेरली मंडावर रोड पर बनाई गई बरसों पुरानी पुलिया को भी बंद कर दिया है।
15 बीघा भूमि पर काटे प्लाट पीतमपुरा बांध की पाल से लगती लगभग 15 बीघा भूमि पर प्लाट काट अवैध कॉलोनी बसाने की तैयारियां जोरों पर है। प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। 1996 की बाढ़ के दौरान जब पीतमपुरा बांध की मोरी खोली गई थी, तब यह पुलिया न केवल क्षतिग्रस्त हो गई थी, बल्कि सड़क के 5 फीट ऊपर होकर कई दिनों तक पानी बहता रहा था। गौरतलब है की पीतमपुरा बांध के भरने के बाद पानी निकासी का एकमात्र मार्ग इसी पुलिया से होकर है, जिसका बंद होना अतिवृष्टि में बडी जनहानि का कारण बन सकता है।
………….. कार्रवाई की जाएगी नायब तहसीलदार खेरली लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता का कहना है कि बांध के बहाव क्षेत्र में भू-रूपांतरण नहीं किया जा सकता है। बहाव क्षेत्र में की गई प्लाटिंग नियम विरुद्ध है। मैं जानकारी कर दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करूंगा।
………………. पुलिया को बंद करना गैरकानूनी पीडब्ल्यूडी सहायक अभियंता बृजमोहन मीणा ने बताया कि सड़क पर बनाई गई पुलिया को बंद करना गैरकानूनी है। मैं जेईएन को भेजकर दिखवाता हूं। वैसे बहाव क्षेत्र में इस तरह के मामले रेवन्यू डिपार्टमेंट के है, ये उन्हें देखने चाहिए।
……………. दादर पंचायत क्षेत्र में भूमि कन्वर्जन के बिना हो रही अवैध प्लाटिंग, एसडीएम बोले, मौका रिपोर्ट तलब की है मालाखेड़ा. अलवर-करौली मेगा हाइवे तथा नटनी का बारां मौजपुर स्टेट हाइवे की कृषि भूमि की खरीद -फरोख्त कृषि के आधार पर हो रही है, जबकि भूमाफिया बगैर कन्वर्जन कराए ही अवैध रूप से इस भूमि पर प्लाटिंग कर सरकार व राजस्व विभाग को करोड़ों रुपए का घाटा दे रहे हैं। इतना ही नहीं कई जगह तो वर्तमान समय के बहाव क्षेत्र में भी अतिक्रमण कर अवैध रूप से जमीन का सौदा करने पर लगे हुए हैं।
मालाखेड़ा उपखंड क्षेत्र की दादर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर अवैध रूप से कृषि भूमि पर प्लाटिंग का कार्य तेजी से हो रहा है। अलवर-करौली मेगा हाइवे बुर्जा दादर पुलिया के पास एक व्यक्ति ने पक्की दीवार कर वर्तमान समय के बहाव क्षेत्र को संकुचित कर दिया है। आरोप है कि इसे लेकर उपखंड अधिकारी मालाखेड़ा को कई लोग शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
रियासत कालीन जयसमंद बांध के भर जाने के बाद उसकी ऊपरा तथा चेजा से बारिश के जल बहाव मार्ग पर इन दिनों अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कर लिया गया। बारिश के पानी बहाव का नक्शा और राजस्व रिकॉर्ड के मुताबिक यह भूमि किस्म बारानी दर्ज है। उसका राजस्व रिकॉर्ड में खसरा नंबर भी है।
रिपोर्ट मांगी है, कार्रवाई की जाएगी उपखंड अधिकारी, मालाखेड़ा देवी सिंह का कहना है कि उपखंड क्षेत्र में जहां भी नदी, बांध तथा तालाब का बहाव क्षेत्र है, संपूर्ण क्षेत्र की मौका रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भू-अभिलेख निरीक्षक को निर्देश दिए है। कहीं बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण है तो उस की रिपोर्ट के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।