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नाहरगढ़ सेंचुरी में बने अवैध होटल जलमग्न, तालाब ने रोका रास्ता

प्रदेश में वन्य जीवों की जमीन पर होटल बनाने का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा। जयपुर के नाहरगढ़ सेंचुरी में जयपुर विकास प्राधिकरण की मेहरबानी से होटल खड़े हो गए।

अलवरSep 16, 2024 / 12:52 pm

Rajendra Banjara

प्रदेश में वन्य जीवों की जमीन पर होटल बनाने का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा। जयपुर के नाहरगढ़ सेंचुरी में जयपुर विकास प्राधिकरण की मेहरबानी से होटल खड़े हो गए। सेंचुरी की जमीन का कमर्शियल भू रूपांतरण कर दिया गया। इसका खुलासा वन्यजीव नाहरगढ़ अभयारण्य के एसीएफ गजनफर अली जैदी (अब कोटा में कार्यरत) की रिपोर्ट में हुआ है।

इस रिपोर्ट पर प्रशासन से लेकर जेडीए ने कार्रवाई नहीं की, लेकिन कुदरत ने होटलों का रास्ता रोक दिया। चारों तरफ पानी भर गया। तालाब की जमीन से ही होटलों का मुख्य रास्ता है। तालाब लबालब होने से लोगों की आवाजाही बंद हो गई है।

इस तरह किया भू रूपांतरण

नाहरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में राजबाग पैलेस बना हुआ है। यह होटल वर्षों से संचालित है। वन विभाग के मुताबिक ग्राम आमेर के खसरा संख्या 1010, 1022, 1023, 1025, 1033, 1017, 1020, 1013, 1014 अभयारण्य की भूमि है। इस भूमि का जेडीए ने भू रूपांतरण कर दिया। इसका एरिया 1.94 हेक्टेयर है। इसी जमीन पर होटल का काफी हिस्सा बना हुआ है। यही नहीं, होटल के मुख्यद्वार के सामने 1035 खसरा है।

इसका रकबा 9.83 हेक्टेयर है। राजस्व रिकॉर्ड में गैर मुमकिन तालाब है और इसका भराव क्षेत्र है। इस तालाब से होटल को रास्ता देने की एनओसी पंचायत समिति आमेर की ओर से दे दी गई। प्रतिष्ठान संचालन के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड व वन विभाग की एनओसी सबसे ज्यादा जरूरी थी, लेकिन यह नहीं ली गई।

जांच रिपोर्ट के बाद प्रशासन से लेकर जेडीए को एक्शन लेना था, लेकिन नहीं हो पाया। अब दो दिन पहले तेज बारिश से तालाब पूरा भर गया। होटल पानी से घिर गया। आने-जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है। होटल स्वामी बीएल कांवट का कहना है कि उनके पास सभी दस्तावेज हैं। तालाब से आने-जाने की एनओसी उनके पास है। भू रूपांतरण अभिलेख भी हैं। उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है।

यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। तहसीलदार आमेर इस प्रकरण को देखते हैं। शिकायत भी मेरे पास नहीं आई है, फिर भी मामला दिखवाया जाएगा। — बजरंग सिंह, एसडीएम आमेर, जयपुर

तालाब की जमीन से रास्ता नहीं दिया जा सकता। पंचायत समिति के पास कोई अधिकार नहीं हैं। एनओसी नहीं दे सकती। मैं इस मामले की जांच कराऊंगी। — प्रतिभा वर्मा, सीईओ जिला परिषद जयपुर

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