पहले भी मिल चुकी हैं प्रतिबंधित सामग्री
जेल में समय-समय पर तलाशी अभियान चलाया जाता है। इससे पहले भी यहां मोबाइल, बीडी सहित अन्य नशीली चीजें मिल चुकी हैं। जेल में कई हार्डकोर अपराधी भी बंद हैं। माना जा रहा है कि यह सामग्री उन्हें सप्लाई की जा रही थी।दुकानदार ने एमआरपी से डेढ़ रुपए अधिक वसूले, अब देना होगा एक लाख का जुर्माना
मोटी कमाई का लालच
जेलों में इस तरह की सामग्री मिलने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी प्रदेश की कई जेलों में मोबाइल मिलने के मामले सामने आ चुके हैं। घी, बीड़ी-सिगरेट सहित अन्य खाद्य सामग्री भी महंगे दामों पर कैदियों को दी जाती है। इस तरह के मामलों में जेलकर्मियों की लिप्तता सामने आती रही है।पिछले दिनों ही हुई थी जांच
दौसा जेल से सीएम भजन लाल शर्मा को धमकी मिलने के बाद पिछले दिनों ही जिला प्रशासन और पुलिस के अफसरों ने भारी लवाजमे के साथ अलवर सेंट्रल जेल में सर्च ऑपरेशन चलाया था। करीब सवा घंटे के सर्च ऑपरेशन के दौरान जेल वार्ड और बैरकों की तलाशी ली गई, लेकिन कोई निषिद्ध सामग्री नहीं मिली।जिस जेल में नौकरी, अब वहीं बंदी
मनीष पिछले चार साल से अलवर की सेंट्रल जेल की डिस्पेंसरी में कार्यरत है। अब तक वह जिस जेल में नौकरी कर रहा था, अब उसी जेल में वह बंदी के रूप में रहेगा।Hindi News / Alwar / सेंट्रल जेल में मिला गांजा… लैब टैक्नीशियन गिरफ्तार, कैदियों को सप्लाई करता था प्रतिबंधित सामग्री