उनके बेटे विशाल मीना ने बताया कि मां ने एक साल पहले मन्नत मांगी थी कि अगर उनके कुएं में पानी आ जाए तो वह नारायणी माता के दंडौती देगी। मृतक के बेटे ने बताया कि मां दंडौती करने निकली थी। घर से 7 किमी की दंडौती पूरी होने के बाद तेज रफ्तार कार ने मां को टक्कर मार दी।
कार में स्थानीय निजी अस्पताल का डॉक्टर और उसका बेटा बैठा था। मृतक के बेटे ने बताया कि चाची और कुछ ग्रामीणों से घटना के बारे में पता चला, वह घटनास्थल पर गया और अपनी मां को टहला अस्पताल ले आया। फिर वह उसे राजगढ़ अस्पताल ले गया, जहां रात 11 बजे के आसपास उसकी दुखद मौत हो गई।
पुलिस ने शव को जिला अस्पताल के शवगृह में रखवाया है। महिला के बेटे और पति ने शव लेने से मना कर दिया उन्होंने मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम की मांग की। परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस डॉक्टरों के दबाव में घटना को छिपाने की कोशिश कर रही थी। आखिरकार उनकी मांग मान ली गई और पोस्टमार्टम में महिला की कमर, दाहिने पैर के ऊपरी हिस्से और सिर पर चोटें पाई गईं।