अलवर जिले में साइबर अपराध लगातार तेजी से बढ़ रहा है। आए दिन साइबर फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन पुलिस साइबर ठगों की शातिरी के आगे बेबस बनी हुई है। पुलिस साइबर अपराधों पर अंकुश नहीं लगा पा रही। बढ़ते साइबर अपराधों को देखते हुए राज्य सरकार ने अलवर जिले में साइबर पुलिस थाना खोलने की घोषणा की। सरकार के आदेश के बाद एक जनवरी 2023 से अलवर जिले में साइबर पुलिस थाना विधिवत रूप से शुरू किया जा चुका है। अलवर साइबर पुलिस थाने से मिली जानकारी के अनुसार साइबर थाने में एक जनवरी से अब तक साइबर फ्रॉड के कुल 08 प्रकरण दर्ज हुए हैं। जिनमें लोगों के साथ करीब 18 लाख रुपए का फ्रॉड होना सामने आया है। इनमें किसी भी मामले में अभी खुलासा नहीं हुआ है।
थाने में 12 का स्टाफ, एक भी मामला नहीं खोल सका
अलवर साइबर पुलिस थाने में फिलहाल 12 पुलिसकर्मियों का स्टाफ तैनात है। जिनमें एक डीएसपी, एक इंस्पेक्टर, तीन सब इंस्पेक्टर, दो हैडकांस्टेबल और पांच कांस्टेबल शामिल हैं। हैरत की बात है कि 12 पुलिस अधिकारी और जवानों का स्टाफ थाने में दर्ज आठ प्रकरणों से एक भी प्रकरण का खुलासा नहीं कर पाया है और न ही किसी मुल्जिम को गिरफ्तार कर पाया है।
सिर्फ शहर के मामले दर्ज कर रहे
जानकारी के अनुसार अलवर जिले में एक साइबर थाना खोला गया है। जिसमें फिलहाल पूरे जिले के साइबर फ्रॉड के मामले में दर्ज न कर केवल शहर में होने वाले साइबर फ्रॉड के मामले ही दर्ज किए जा रहे हैं। अलवर शहर से अब तक दर्ज हुए आठ प्रकरणों में सेक्सटॉर्शन, फेसबुक और व्हाट्एस-एप हैक कर ठगी, बैंक खाते से ऑनलाइन फ्रॉड कर रुपए साफ करने के मामले सामने आए हैं।
काफी मामले अब भी टरकाए जा रहे
जिले के पुलिस थानों में साइबर फ्रॉड के रोजाना कई मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन पुलिस इन सभी मामलों केा दर्ज नहीं कर रही है। काफी मामलों में पुलिस प्रकरण दर्ज किए बिना ही परिवादी को टरका देती है। ऐसे में परिवादी कार्रवाई के लिए इधर से उधर भटकता नजर आता है।
सभी प्रकरणों में जांच जारी
साइबर पुलिस थाने में अब तक 8 प्रकरण दर्ज हुए हैं, इन सभी प्रकरणों में अनुसंधान जारी है।
वीरेन्द्र यादव निरीक्षक, साइबर पुलिस थाना अलवर