करणी माता मंदिर के पास सडक़ पर वाहन पार्किंग की व्यवस्था थी। इसलिए वहां भी वाहनों की लम्बी कतार लगी हुई थी। मंदिर से प्रतापबंध तक पूरे दिन वाहन रेंगते हुए नजर आए। करणी माता मंदिर से प्रतापबंध आने में दो से ढ़ाई घंटे का समय लगा। तो पैदल जाने वाले लोग पहाड़ों के रास्ते लौटे। जाम खुलवाने व वाहनों के बेहतर संचालन के लिए पुलिस नजर नहीं आई। रात को भी 9 बजे तक जाम के हालात बने रहे।
पॉलीथिन का हुआ जमकर उपयोग मेले के दौरान दुकान संचालकों ने जमकर पॉलीथिन का उपयोग किया। इससे वन क्षेत्र में जमकर प्रदूषण हुआ। पॉलीथिन के खाने से वन्य जीव की मौत हो जाती है। लेकिन वन विभाग व जिला प्रशासन पॉलीथिन के रोक पर पूरी तरह से फेल नजर आया। पॉलिथीन से जंगल क्षेत्र में कचरा भी हुआ। तो दूसरी तरफ दो पहिया वाहन चालक बिना हेलमेट के नजर आए। ऐसे में कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था।