इस तरह तलब हुए थे अफसर
नाहरगढ़ वन एवं वन्यजीव संरक्षण समिति के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने सीईसी को पत्र लिखा था कि अतिक्रमण बेशुमार है। होटल से लेकर रिसॉर्ट बन रहे हैं। अतिक्रमण हटाने के बजाय अफसर संरक्षण दे रहे हैं। इसको लेकर सीईसी ने सरिस्का व नाहरगढ़ सेंचुरी के अफसरों को पिछले माह दिल्ली तलब किया। बैठक की। सभी तथ्य सामने रखे गए। सीईसी ने कहा था कि जल्द ही इन शिकायतों को लेकर आदेश जारी जाएंगे, जो मंगलवार को आ गए। सीईसी ने कहा है कि सेंचुरी के कोर व बफर एरिया में कॉमर्शियल गतिविधियां संचालित नहीं हो सकती।प्रशासन ने इसी आदेश के चक्कर में अवैध होटलों पर कार्रवाई के आदेश हाल ही में एसडीएम को दिए हैं। हालांकि एसडीएम अपने स्तर से कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। अलवर तहसील में कार्रवाई यूआईटी के स्तर से होनी है। राजगढ़, मालाखेड़ा में उपखंड स्तरीय अधिकारी कार्रवाई करेंगे, जो अभी तक सामने नहीं आई। अब सीईसी के आदेश के बाद प्रशासन पर और दबाव आ गया। अब संरक्षण होटलों को नहीं मिल पाएगा।
उन्होंने मुख्य सचिव से कहा है कि तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई अमल में लाएं। राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की अनुमति के कैसे होटलों का संचालन हो सकता है? यह देखा जाएगा। साथ ही केंद्रीय भूजल प्राधिकरण की एनओसी के भूजल दोहन की भी जांच करें और इसके बारे में अवगत कराएं।
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