साल 2021 से अब तक सामान्य चिकित्सालय में 2605 कैंसर के रोगी उपचार के लिए चुके हैं। इसमें से 1276 मरीज मुुंह व गले, 357 फेफड़े, 341 ब्रेस्ट कैंसर, 125 बच्चेदानी के मुंह का कैंसर व 506 अन्य कैंसर के मरीज शामिल हैं। इसमें गले व मुंह के कैंसर रोगियों में युवाओं की संख्या सबसे अधिक है। इसी प्रकार फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित रोगियों की औसत आयु 30 साल से अधिक, बेस्ट कैंसर से पीड़ित मरीजों की 35 व बच्चेदानी के मुंह के कैंसर के मरीजों की आयु 45 साल से अधिक है।
अस्पताल की कैंसर यूनिट के भर्ती वार्ड में केवल 6 बेड की व्यवस्था है। ऐसे में भर्ती मरीजों के लिए पर्याप्त बेड भी उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। वहीं, कैंसर के मरीजों को सामान्य वार्ड में भी भर्ती नहीं किया जा सकता है। जानकारों के अनुसार कीमोथैरेपी के दौरान विशेष ध्यान रखना होता है। ताकि कीमोथैरेपी की डोज मरीज के शरीर में सही मात्रा में चढ़ाई जा सके। ऐसे में ट्रेंड स्टॉफ ही कैंसर के भर्ती वार्ड में लगाया जा सकता है। इसके साथ ही बॉयोप्सी व माइनर ऑपरेशन थियेटर की सुविधा भी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मरीजों को रैफर किया जा रहा है।
फिलहाल सामान्य अस्पताल में कैंसर रोगियों के लिए स्क्रीनिंग, डाइग्नोसिस, सामान्य उपचार व कीमोथैरेपी की सुविधा उपलब्ध है। जानकारी के अनुसार कैंसर यूनिट के डे केयर वार्ड में प्रतिदिन करीब 10 से 15 कीमोथैरेपी प्रतिदिन हो रही है।
कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए सेवाओं को बढ़ाया जाना बहुत जरूरी है।
– डॉ. सुखवीर गुर्जर, कैंसर रोग विशेषज्ञ, सामान्य अस्पताल।