scriptअलवर में कॉपर ही नहीं सोने-चांदी का है बड़ा भंडार! जानें क्यों नहीं मिल रही है खनन की मंजूरी | Alwar Not only copper there is a huge reserve of gold and silver know why mining approval is not being given | Patrika News
अलवर

अलवर में कॉपर ही नहीं सोने-चांदी का है बड़ा भंडार! जानें क्यों नहीं मिल रही है खनन की मंजूरी

Alwar Not Only Copper : अलवर में कॉपर, सोना व चांदी के बड़े भंडारों का पता चला है। जाने किस वजह से रुका है खनन का कार्य।

अलवरJul 18, 2023 / 02:11 pm

Sanjay Kumar Srivastava

alwar.jpg

Alwar Mining

राजस्थान में कॉपर खनिज के मामले में अलवर जिला अग्रणी जिलों में शुमार होता है। यहां का खोह दरीबा कॉपर प्रोजेक्ट देशभर में अलवर का नाम पहुंचा चुका है, हालांकि यह प्रोजेक्ट करीब तीन दशक पूर्व बंद हो गया। अब थानागाजी क्षेत्र के मूडियाबास ब्लॉक खेडा में कॉपर, सोना व चांदी के बड़े भंडारों का पता चला है, लेकिन सरिस्का का इको सेंसेटिव जोन अब तक तय नहीं होने से सरकार की ओर से यहां खनन की मंजूरी नहीं दी जा सकी है।

जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया जीएसआई ने वर्ष 2008-09 में अलवर जिले के थानागाजी ब्लॉक के मूडियाबास के खेड़ा ब्लॉक में कॉपर, सोना एवं चांदी के बड़ी मात्रा में भंडार का पता लगाया। लेकिन एक दशक से ज्यादा बीतने के बाद भी यहां इन कीमती खनिज का दोहन शुरू नहीं हो पाया है। इसका कारण है कि मूडियाबास का खेड़ा ब्लॉक टाइगर रिजर्व सरिस्का के पास है और सरकार की ओर से अभी तक सरिस्का का इको सेंसेटिव जोन के प्रस्ताव को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।


अलवर की कॉपर प्रोजेक्ट से बन सकती है नई पहचान

सरिस्का का इको सेंसेटिव जोन के प्रारूप को अंतिम रूप देने तथा सरकार की ओर से यहां कॉपर, सोना व चांदी के दोहन की अनुमति दिए जाने पर अलवर की कॉपर प्रोजेक्ट के नाम से देश व प्रदेश में नई पहचान बन सकती है। यहां कॉपर का बड़ा प्रोजेक्ट लगाया जा सकता है, जिसमें कई हजार क्षेत्रीय लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही सरकार को हर वर्ष कई हजार करोड़ का राजस्व मिल सकता है।

यह भी पढ़ें – एयर इंडिया की फ्लाइट में यात्री के मोबाइल में हुआ ब्लास्ट, उदयपुर में हुई इमरजेंसी लैंडिंग

इको सेंसेटिव जोन एक किमी या 10 किमी अभी तय नहीं

इको सेंसेटिव जोन सरिस्का की सीमा से एक किमी या 10 किलोमीटर के दायरे में होगा, यह तय नहीं हो पाया है। थानागाजी क्षेत्र में मूडियाबास का खेड़ा ब्लॉक भी इस दायरे में आता है। इस कारण सरकार की ओर से अभी तक यहां खनिज के दोहन का निर्णय नहीं किया जा सका है। मूडियाबास के खेड़ा ब्लॉक में जीएसआई ने करीब 584 एकड़ में कॉपर, सोना व चांदी आदि के बड़े भंडार होने का पता लगाया था।

यह भी पढ़ें – जयपुर में दो स्क्रेपिंग सेंटर शुरू, पुराने वाहन स्क्रैप कराने पर मिलेगा बड़ा गिफ्ट

Hindi News/ Alwar / अलवर में कॉपर ही नहीं सोने-चांदी का है बड़ा भंडार! जानें क्यों नहीं मिल रही है खनन की मंजूरी

ट्रेंडिंग वीडियो