जिले के सबसे बड़े प्रोजेक्ट मिनी सचिवालय (करीब 140 करोड़) की दीवारों में बड़ी पोल है। अगर निष्पक्ष थर्ड पार्टी जांच हुई तो जिम्मेदार अधिकारियों को जेल की सलाखों तक पहुंचा सकती हैं। करीब 15 दिन पहले श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली व पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने मिनी सचिवालय के निर्माण के निरीक्षण के दौरान दीवार को खुरचा तो मिट्टी झडऩे लगी थी।
16 दिन बीते, कोई जांच नहीं
श्रम राज्यमंत्री के आदेश पर जिला कलक्टर ने पूरे भवन की थर्ड पार्टी जांच कराने के आदेश दिए। स्थानीय स्तर पर पीडब्ल्यूडी, यूआईटी के अधिकारियों की समिति बनाई। लेकिन अभी तक न थर्ड पार्टी जांच शुरू हुई और ना ही स्थानीय समिति ने कोई जांच की है।
जिसने घटिया निर्माण किया, उसी को जांच का जिम्मा
यूआईटी के अधिकारियों का कहना है कि मिनी सचिवालय का निर्माण करने वाली एजेंसी रुडसिको (राजस्थान अरबन ड्रिंकिंग वाटर सीवरेज एण्ड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन लि.) है और मजे की बात ये कि उसी को थर्ड पार्टी जांच कराने का जिम्मा दिया गया है।
एमएनआईटी को लिख दिया थर्ड पार्टी से जांच कराने के लिए एमएनआईटी को लिखा है। इसके अलावा स्वतंत्र जांच भी कराई जाएगी। पिछले दिनों जांच में मिली गड़बड़ी के बाद अधिकारियों को भी अलवर भेजा है। सप्ताह में तीन दिन एक्सईएन की वहीं ड्यूटी रहती है। जहां भी गड़बड़ी हुई है उसे पूरा ठीक कराया जाएगा।
डीके मीना, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, रुडसिको
रुडसिको ही कराएगा रुडसिको को मिनी सचिवालय के निर्माण के साथ सुपरविजन और थर्ड पार्टी जांच कराने का बजट मिलता है। रुडसिको को थर्ड पार्टी जांच के लिए लिखा जा चुका है। स्थानीय समिति भी जल्द रिपोर्ट करेगी।
कानाराम, सचिव, यूआईटी अलवर