कार्यक्रम के आयोजक फाल्गुन त्रिपाठी ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि फिल्म फेस्टिवल में दो मिनट से लेकर 80 मिनट तक की मूवी होंगी। जो खासकर सांस्कृतिक महत्व आधारित होंगी। मतलब शॉर्ट मूवी के जरिए विभिन्न देशों की संस्कृति को समझने का अवसर मिलेगा।
जिससे सबसे अधिक अलवर के स्थानीय कलाकारों को हालीवुड व बालीवुड के कलाकारों से मिलने का मौका मिलेगा। बाहरी कलाकारों के साथ स्थानीय कलाकारों से रूबरू कराया जाएगा। 19 तरह की फिल्मों का प्रदर्शन
फेस्टिवल के निदेश अवनीश राजवंशी ने बताया कि इसी साल हालैण्ड में अन्तरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस फेस्टिवल में एनिमेशन, डॉक्यमेंट्री, ड्रामा, फीचर आधारित करीब 19 वर्गों की फिल्म होंगी। जिनके जरिए यह पता चलेगा कि अन्य देशों के लोगों का जीवन व उनका विजन पता चलेगा। फिल्मों का चयन देश-विदेश के जूरी सदस्य करेंगे। जूरी में हौलण्ड, जर्मनी सहित हॉलीवुड व बॉलीवुड के कलाकार शामिल हैं।
वैसे भी अलवर जिला हैरिटेज, सरिस्का, पुराने किले व अन्य एतिहासिक इमारतों के कारण आकर्षण का केन्द्र हैं। बाहर से आने वाले कलाकारों को यहां फेस्टिवल के साथ घूमने का भी पूरा अवसर मिल सकेगा। फेस्टिवल के मीडिया सलाहकार कल्याण सिंह कोठारी ने बताया कि अलवर में फिल्म लोकेशन व प्रतिभाओं का भण्डार है।
प्रबंधक आशीष राजोरिया ने बताया कि इस आयोजन में जिला प्रशासन का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। उनके साथ पूजा सिंह भी मौजूद रही।