कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी आए और पीडि़त परिवार से मिले। वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस घटना के बाद पीड़ित परिवार से मिलने आए। तब मुख्यमंत्री गहलोत ने अलवर को क्रिटिकल जिला कहा था।
घटना के बाद अलवर में दो एसपी अलवर जिले में दो एसपी बैठाने की बात करीब एक दशक से चली आ रही थी। गैंगरेप की घटना के राज्य सरकार ने अलवर को क्रिटिकल जिला मानते हुए 15 अगस्त 2019 को भिवाड़ी नया पुलिस जिला बनाते हुए अलवर जिले में दो एसपी लगा दिए। इसी गैंगरेप की घटना के बाद ही राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षक कार्यालयों में एफआइआर दर्ज करने के आदेश देते हुए एफआइआर लॉजमेंट सैल का गठन किया।
पीडि़त परिवार के घर पुलिस गार्ड तैनात, कोर्ट में रहेगा भारी जाप्ता अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) शिवलाल बैरवा ने बताया कि बहुचर्चित गैंगरेप प्रकरण में मंगलवार को संभावित फैसले को देखते हुए जिला पुलिस प्रशासन की ओर से व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं। पीडि़ता के पीहर और ससुराल दोनों जगह अलग-अलग 1-4 की पुलिस गार्ड तैनात कर दी गई है। वहीं, मंगलवार को अलवर एससी/एसटी न्यायालय के बाहर सहित पूरे कोर्ट परिसर में भारी पुलिस जाप्ता तैनात रहेगा। ताकि मुल्जिमों को कोर्ट में पेश करने के दौरान तथा न्यायालय के निर्णय के बाद कोर्ट से ले जाते समय किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना घटित न हो सके। साथ ही कोर्ट परिसर में फैसले के दौरान हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। मुल्जिमों को बख्तरबंद गाड़ी में हथियारबंद पुलिस लवाजमे के साथ अलवर जेल से कोर्ट परिसर में लाया जाएगा।