प्रशासन की ओर से कराए गए सर्वे में 13 होटल बफर एरिया में मिले थे। यूआईटी के क्षेत्र में भी कई होटल आ रहे हैं जो मेहरबानी के चलते खड़े होते गए। भू-रूपांतरण की कार्रवाई प्रशासन करेगा। धारा 91 के तहत यह कार्रवाई होगी। नोटिस में भी प्रशासन ने यही इंगित किया है। यूआईटी भी अपने स्तर से नोटिस दे सकती है।
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बफर एरिया सरिस्का का है, लेकिन इसको लेकर वन विभाग के अफसरों को चिंता नहीं है, जबकि सुप्रीम कोर्ट से लेकर एनजीटी व राजस्थान सरकार ने कह दिया है कि कोर व बफर एरिया में होटल-रेस्टोरेंट का संचालन नहीं होगा। अब तक वन विभाग कार्रवाई को आगे नहीं बढ़ा। प्रशासन खुद कदम बढ़ा रहा है, जबकि वन विभाग के पास इन होटलों को सीधे बंद करवाने की पावर है। प्रशासन केवल फोर्स व मौका मजिस्ट्रेट मुहैया कराता है। वन विभाग को केवल राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की अनुमति की आवश्यकता है, जो किसी भी होटल के पास नहीं है। तहसीलदार तनु शर्मा का कहना है कि सर्वे के आधार पर होटलों के नोटिस तैयार हो गए हैं। इस समय बारिश चल रही है। आपदा जैसा माहौल है। 15 अगस्त भी सामने है। ऐसे में अभी नोटिस देना कितना सही रहेगा, इस पर निर्णय उच्चाधिकारी लेंगे। उनके आदेश मिलते ही नोटिस दे दिए जाएंगे।