जानकारी के अनुसार होमगार्ड के जवान सहजुदीन खान प्रॉपर्टी का व्यवसाय करता है। शिकायतकर्ता दोहली-रामगढ़ निवासी महबूब अली को उसके पिता ने सम्पत्ति से बेदखल कर रखा है। पूरी सम्पत्ति महबूब के दो भाइयों के नाम कर दी। महबूब जमीन में से हिस्सा मांग रहा था, लेकिन उसके भाइयों ने जमीन बेच दी। जिसका सौदा सहजुदीन ने किया। महबूब ने सहजुदीन को ये सौदा करने से मना किया, लेकिन वह नहीं माना।
एसीबी के जाल में फंसाने का रचा षड्यंत्र
महबूब ने सहजुदीन को एसीबी के जाल में फंसाने के लिए चचेरे भाई मकसूर और उसके दोस्त जाटव मोहल्ला नगर-डीग निवासी कपिल के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा। महबूब ने एसीबी को सहजुदीन के खिलाफ रिश्चत मांगने की झूठी शिकायत दी। एसीबी को गुमराह करते हुए कपिल को सहजुदीन के रूप में प्रस्तुत कर फर्जी रिश्वत मांग का सत्यापन कराया। महबूब, मकसूर और कपिल ने होमगार्ड में भर्ती करवाने के नाम पर रिश्वत की मांग की बातचीत रिकॉर्ड कराई। इसके बाद महबूब ने सहजुदीन ने 450 वर्गगज के तीन प्लॉट का सौदा किया और टोकन मनी के रूप में 30 हजार रुपए देने के लिए उसे गुरुवार दोपहर कचहरी परिसर मेनगेट के बाहर बुलाया। वहां 30 हजार रुपए देकर एसीबी से ट्रैप करा दिया।
आवाज का मिलान नहीं होने पर शक हुआ
ट्रैप कार्रवाई के दौरान रिश्वत राशि के आदान-प्रदान की बातचीत डिजिटल वॉयस रिकॉर्डर से रिकॉर्डिंग कराई गई। सुनने के बाद रिकॉर्डिंग विरोधाभासी एवं संदिग्ध तथ्य सामने आए। शक होने पर एसीबी ने मामले की जांच की, जिसमें गलत ट्रैप कार्रवाई का खुलासा हुआ।
होमगार्ड जवान को छोड़ा, शिकायतकर्ताओं को पुलिस को सौंपा
एसीबी ने पूरे मामले का खुलासा होने के बाद अपनी ट्रैप कार्रवाई निरस्त कर होमगार्ड के जवान सहजुदीन को छोड़ दिया। साथ ही महबूब अली व कपिल को शिवाजी पार्क थाना पुलिस को सुपुर्द कर दिया और तीनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया है। यहां हुई चूक
-सत्यापन महबूब और सहजुदीन का करना था, लेकिन कपिल को सहजुदीन के रूप में पेश करके उसका सत्यापन करा दिया। इस ओर एसीबी का ध्यान ही नहीं गया। -ट्रैप की कार्रवाई के तुरंत बाद रिकॉर्डिंग नहीं सुनी गई, जबकि उसमें प्लॉट के बेचान को लेकर बातचीत थी।
-शिकायतकर्ताओं की बात पर ही कार्रवाई कर दी, अगर तथ्य जांचते तो पता चला जाता कि 2021 के बाद होमगार्ड की कोई भर्ती ही नहीं निकली।