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सरिस्का का काफी हिस्सा जमवारामगढ़ रेंज के पास, सबसे पहले होटलों का हुआ सर्वे, सब दबा गए

सरिस्का का काफी हिस्सा जमवारामगढ़ रेंज में आता है। यहां बफर एरिया में होटल-रेस्टोरेंट बन गए। पांच से सात सितारा होटल भी इसी एरिया में आते हैं। इन सभी प्रतिष्ठानों का सर्वे कराया गया। होटलों को नोटिस जारी किए गए लेकिन बाद में वापस ले लिए गए।

अलवरAug 12, 2024 / 11:11 am

susheel kumar

alwar ke sariska century ka board

– कुछ होटलों को दिए गए नोटिस भी उप वन संरक्षक कार्यालय की ओर से वापस ले लिए गए

– सरकार ने कार्रवाई के दिए थे निर्देश, इन सभी का पालन करने के लिए अफसर तैयार नहीं
सरिस्का का काफी हिस्सा जमवारामगढ़ रेंज में आता है। यहां बफर एरिया में होटल-रेस्टोरेंट बन गए। पांच से सात सितारा होटल भी इसी एरिया में आते हैं। इन सभी प्रतिष्ठानों का सर्वे कराया गया। होटलों को नोटिस जारी किए गए लेकिन बाद में वापस ले लिए गए। उप वन संरक्षक कार्यालय ने कहा कि सर्वे हुआ ही नहीं, जबकि सर्वे के लिए टीम बनाई गई थी। अब सवाल खड़ा हो रहा है कि वन विभाग के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी व प्रदेश सरकार के आदेश की पालना क्यों नहीं कर रहे?
सबसे पहले जमवारामगढ़ कार्यालय की ओर से सर्वे कराया गया। पीडब्ल्यूडी, वन विभाग, राजस्व व खान विभाग की टीम ने यह सर्वे किया। पहले चरण में दो दर्जन होटल इस दायरे में आए। करीब 20 को नोटिस दिए गए। उनमें लिखा गया था कि एनजीटी के निर्देश पर यह कार्रवाई की जा रही है। यह मामला उप वन संरक्षक कार्यालय पहुंचा तो वहां से आदेश आए और एक ही झटके में कई नोटिस को विलोपित कर दिया गया। हालांकि विलोपित किए गए कुछ होटलों का सर्वे नहीं हुआ था, लेकिन अजबगढ़ एरिया में जो सर्वे इस कार्यालय की ओर से करवाया गया था, वहां कार्रवाई अब तक नहीं की गई। इससे तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। एनजीटी याचिका दायर करने वाले राजेंद्र तिवारी का कहना है कि यहां नियमों का खुला उल्लंघन है। अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी व प्रदेश सरकार के निर्देश मायने नहीं रखते।

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