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अलवर

सभी विषयों में 100 नंबर… नौकरी के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने पर यूं खुली पोल

अलवर जिले में ग्रामीण डाक सेवा के आवेदनों में फर्जीवाड़े का बड़ा खेल सामने आ रहा है। जिले में करीब 70 पदों पर भर्ती होनी है।

अलवरSep 05, 2024 / 12:52 pm

Rajendra Banjara

फोटो: प्रतीकात्मक है

अलवर जिले में ग्रामीण डाक सेवा के आवेदनों में फर्जीवाड़े का बड़ा खेल सामने आ रहा है। जिले में करीब 70 पदों पर भर्ती होनी है। भर्ती में मेरिट के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन होना है। ऐसे में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने दसवीं टॉपर की फर्जी मार्कशीट बनवाकर आवेदन किए हैं।

हैरत की बात यह है कि फर्जी दस्तावेजों में अभ्यर्थियों के सभी विषयों में 100 में से 100 अंक हैं। इससे पहले डाक विभाग में साल की शुरुआत में निकली भर्ती में भी फर्जीवाड़ा सामने आ चुका है। इसको लेकर पत्रिका रिपोर्टर ने जिला अस्पताल में मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने आए अभ्यर्थियों के दस्तावेज देखे तो फर्जीवाड़े का संदेह हुआ। इस पर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर रोल नंबर के आधार पर उनकी मार्कशीट की जांच की तो सारे फर्जीवाड़े का सारा खेल उजागर हो गया।

पिछली भर्ती में भी मिला था फर्जीवाड़ा

डाक विभाग की पिछली भर्ती में भी जिले में फर्जीवाड़ा मिला था। इस मामले में विभाग की ओर से 5 अभ्यर्थियों के खिलाफ फर्जी मार्कशीट से नौकरी पाने का मामला थाने में दर्ज कराया गया था। पकड़े गए पांचों अभ्यर्थियों ने तमिलनाडु से दसवीं पास की फर्जी मार्कशीट लगाई थी। बाद में दस्तावेजों की जांच में मामला उजागर होने पर उनकी ज्वाइनिंग रोक कर मामला दर्ज कराया गया था।

यूं खुला फर्जीवाड़े का खेल

पत्रिका संवाददाता को ग्रामीण डाक सेवा में भर्ती में फर्जी डिग्रियों पर आवेदन कराने वाली सक्रिय गैंग के बारे में जानकारी मिली। इस पर सच्चाई का पता लगाने के लिए मंगलवार को जिला अस्पताल में मेडिकल बनवाने आए कुछ अभ्यर्थियों से बातचीत की। इस दौरान आरिफ खान पुत्र जाकर खान, रोल नंबर 0064989 की मार्कशीट देखी तो उसके दसवीं में 100 प्रतिशत अंक थे।

उसने साल 2014 में आदर्श विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय बिचगांवा, लक्ष्मणगढ़ से दसवीं उत्तीर्ण की थी। मार्कशीट में फर्जीवाड़े का संदेह होने पर जब अभ्यर्थी से पूछा कि आपके दसवीं में 100 प्रतिशत अंक हैं तो आईएएस की तैयारी क्यों नहीं की। इस बीच अभ्यर्थी की बातों से संदेह और भी गहरा हो गया। बाद में राजस्थान बोर्ड की वेबसाइट पर उसके रोल नंबर के आधार पर मार्कशीट की जांच की तो सारा फर्जीवाड़ा उजागर हो गया। राजस्थान बोर्ड की वेबसाइट पर उसके 51.50 प्रतिशत अंक हैं।

पूछताछ की तो अभ्यर्थी डर कर भागा

जिला अस्पताल में हरियाणा से मेडिकल कराने आए एक अन्य अभ्यर्थी के दसवीं में 99 प्रतिशत अंक थे। बातचीत करने पर उसने बताया कि कोरोना काल में उसने दसवीं की परीक्षा दी थी। वहीं, 99 प्रतिशत अंक आने के बारे में पूछा तो वह मार्कशीट लेकर वहां से भाग गया। जानकारी करने पर पता चला कि मेडिकल कराने आ रहे 5-6 अभ्यर्थियों की मार्कशीट में रोज इस तरह का फर्जीवाड़ा देखने का मिल रहा है।

हमारे कार्यालय में आने वाले सभी अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन कराया जाता है। इसमें फर्जीवाड़ा मिलने पर आवेदन को निरस्त करने की कार्रवाई की जाती है।

-जब्बार खान, प्रवर अधीक्षक, डाकघर अलवर

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