मुख्यमंत्री योगी सरकार ने राजभवन में राज्यपाल
राम नाईक के साथ 2019 के कुंभ लोगो का अनावरण किया। राम नाईक ने यहां कहा कि यूनेस्को ने कुंभ के मेले का महत्व समझा और इसे वैश्विक सांस्कृतिक धरोहर करार दिया।
तो इसलिए हटाया अर्ध शब्द को कुंभ से अर्ध शब्द का मतलब होता है आधा। इस वजह से हर 12 साल में आयोजित होने वाले पूर्ण कुंभ के 6 साल बाद अर्ध कुंभ आयोजित किया जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि हिंदु धर्म में कुछ भी अधूरा नहीं होता। इसलिए अर्ध शब्द का प्रयोग कुंभ के साथ नहीं किया जाना चाहिए। इसी वजह से कुंभ से अर्ध शब्द को हटा दिया गया। कुंभ 2019 की टैगलािन है ‘चलो, चलो, चलो कुंभ चलो’। इसके साथ उन्होंने टूूरिज्म विभाग टैगलाइन ‘यूपी नहीं देखा, तो इंडिया नहीं देखा’ का भी अनावरण किया।
ऐसे हुई थी कुंभ की शुरूआत कुंभ हिंदु धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है। आदी शंकराचार्य ने इलाहाबाद, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार में कुंभ की शुरूआत की थी। इनमें से प्रत्येक स्थान पर हर 12 वर्ष में इस पर्व का आयोजन होता है। जाहिर है अब तक हरिद्वार और प्रयाग में दो कुंभ पर्वों के बीच 6 वर्ष के भीतर अर्ध कुंभ होता है।
यूनेस्को में मिली मान्यता योगी ने कहा कि कुंभ मेले को यूनेस्को ने अमूल्य धरोहर के रूप में मान्यता दी है। इसके लिए मैं देश के प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री
सुषमा स्वराज को धन्यवाद देता हूं।
जाहिर है कुछ महीनों पहले कुंभ मेला की तैयारी शुरू हो गयी थी। इसके लिए विभिन्न विभागों ने 2300 करोड़ रूपये की मांग की थी।