कोर्ट ने एस एस पी बुलंदशहर को भी आदेश का पालन करने का निर्देश दिया था। मालूम हो कि विक्रम शर्मा को 24मई 18को कारण बताओं नोटिस जारी की गई थी। आदेश का पालन नहीं किया और न ही 30जुलाई 18को हाजिर हुआ। जमानती वारंट जारी किया गया तो 26सितंबर 18को उसकी तरफ से वकील ने जवाब देने के लिए तीन हफ्ते का समय मांगा।फिर कोर्ट में बहस के लिए कभी हाजिर नहीं हुए।तो कोर्ट ने 16जनवरी 19को शर्मा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर पेश करने का आदेश दिया।
पुलिस ने पड़कर पेश किया तो जवाब दाखिल करने के लिए फिर समय मांगा।जेल से कोर्ट में पेश किया गया किन्तु उसने कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया।17जुलाई 19को अलीगढ़ जिला जेल से कोर्ट में पेश किया गया जवाब के लिए फिर समय मांगा।23अक्टूबर 19को भी जवाब दाखिल करने का फिर एक बार मौका दिया गया।एक अक्टूबर 20को वकील ने बताया कि वह जमानत पर रिहा कर दिया गया है।छः हफ्ते का समय मांगा।फिर भी जवाब नहीं दिया तो कोर्ट ने 28जनवरी 21को जमानती वारंट जारी किया। वकील ने आदेश वापस लेने की अर्जी दी। इसके बाद कई तारीखों पर बीमारी की स्लिप देकर सुनवाई टलवाते रहे।28नवंबर 21को गैर जमानती वारंट जारी किया गया। 6जनवरी 22को कार्यालय रिपोर्ट में बताया गया कि दिये गये पते से लापता है।
इसपर कोर्ट ने जिला जज को सी जे एम के मार्फत सर्विस रिकार्ड में दर्ज पते पर तलाश कर तीन हफ्ते में जानकारी देने का निर्देश दिया।एस एस पी को निर्देश दिया गया कि गिरफ्तार कर तीन फरवरी 22को पेश करें। इसके बावजूद शर्मा न तो एस एस पी के पास हाजिर हुआ और न ही कोर्ट में पेश हुआ। दिल्ली में अपने वकील के चेंबर से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हाजिर हुआ। कोर्ट ने कहा कि शर्मा जानबूझकर कोर्ट आदेश का पालन नहीं कर रहा है।इसपर कोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुए गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था। उसे गिरफ्तार कर लिया गया और नैनी सेंट्रल जेल प्रयागराज से पुलिस टीम ने कोर्ट में पेश किया। याचिका की सुनवाई 5मार्च को भी होगी।