महिलाओं का रुझान बढ़ा कोरोंव की रहने वाली महिला निर्मला ने पहले अकेले लाख की खेती शुरू की थी। लेकिन आज उस गांव की महिला जो धान, गेंहू, चना, मटर की परंपरागत खेती करती थी वह आज लाख की खेती करने में बिजी हैं और अच्छा मुनाफा कमा रही हैं। इन महिलाओं ने अपनी मेहनत से आर्थिक संकट से निपटने और महिलाओं के लिए आत्मनिर्भर भारत की मिसाल पेश कर रहीं है।
लाखों रुपए कमा रही हैं महिलाएं लाख की खेती करने वाली महिलाएं तीन सौ से अधिक बेर का पेड़ लगाया और लाख की खेती करके ये तीन लाख से अधिक कमाई कर रहीं हैं। महिलाओं ने इन पेड़ों से दस कुंतल से अधिक लाख की पैदावार की है। आदिवासी समाज से आने वाली महिला निर्मला ने बताया कि घर और परिवार को आर्थिक संकट से मुक्त कराने के लिए रोजगार के लिए सोचने लगी और लाख की खेती के बारे में सोचा। इसके बाद खेती पूरी मेहनत से शुरू कर दी और धीरे-धीरे मुनाफा मिलने लगा। फिर तो बेहतर तरीके से जीवन यापन होने लगा है।
गांव की महिलाओं को जोड़ा बताया कि आसपास की अन्य महिलाओं की दशा भी खराब थी उनको भी प्रशिक्षण दिलाकर अपने साथ जोड़ लिया है। रेखा, जयराजी, राजकली, बिटोला, फूलवाती, फुलवन्ता देवी, रजवन्तिया, रेखा देवी, बेलाकली,राजकुमारी,उमरी के साथ मिलकर लाख की खेती की है। इस बार सभी महिलाएं एक साथ होकर पांच सौ से अधिक पेड़ लगाए हैं। निर्मला ने बताया कि लाख तैयार होने के बाद कहीं जाना नहीं पड़ता है बल्कि निजी कंपनी के घर से खरीदकर ले जाते हैं। प्रतिकिलो 500 रुपये में बिकता है।