इसे भी पढ़ें-इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दीक्षांत में बेटियों ने मारी बाजी ,जानिए कैसा हुआ 22 सालों बाद समारोह
दरअसल इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बीते 32 दिनों से छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर छात्र नेता धरने पर है।इस दौरान छात्र नेताओं ने कुलपति की शव यात्रा कुलपति भोज शासन को पत्र लिखना मानव संसाधन विकास मंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक को पत्र लिखकर छात्रसंघ बहाली की मांग का शिलशिला जारी रहा। वही 22 वर्षों बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने दीक्षांत समारोह कराने का निर्णय लिया जिसमें विश्वविद्यालय के छात्रों को ही आने की अनुमति नहीं दी गई । विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में बैठने की क्षमता के अनुसार सम्मानित किए जाने वाले विद्यार्थियों और अतिथियों को आमंत्रित किया गया है । विश्वविद्यालय ने दीक्षांत समारोह को देखने के लिए हॉस्टल में लाइव प्रसारण की व्यवस्था की साथ ही डेलीकेसी में रहने वाले छात्रों के लिए यूट्यूब पर दीक्षांत समारोह डाउनलोड किया गया । लेकिन छात्र नेता इससे अलग इसे विश्वविद्यालय की साजिश करार देते रहे।
विश्वविद्यालय द्वारा दीक्षांत समारोह में पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के साथ ही उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओमप्रकाश सिंह को मानद उपाधि देने की घोषणा की इसके खिलाफ विश्वविद्यालय के पूर्व शिक्षक सहित छात्र नेता लामबंद हुए एक तरफ जहां विश्वविद्यालय में प्रदर्शन चल रहा था। वही विश्वविद्यालय के पूर्व शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर राम किशोर शास्त्री और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के अध्यक्ष रोहित मिश्रा ने दिल्ली में प्रेस वार्ता कर के कुलपति के खिलाफ कार्यवाही की मांग की । जहां एक तरफ विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह चल रहा था । वही रोहित मिश्रा प्रोफेसर राम किशोर शास्त्री की अगुवाई में दिल्ली के जंतर मंतर प्रदर्शन चल रहा था।
वहीं विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि बनाए गए नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने छात्र संघ का नाम लिए बिना छात्र संघ की जमकर वकालत की उन्होंने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय दुनिया का अकेला विश्वविद्यालय है । जहां के छात्र ने आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसा विश्वविद्यालय है जिसने अपने ही देश को नेता नहीं बल्कि पड़ोसी देश को भी प्रधानमंत्री दिए हैं । यह महान विश्वविद्यालय हैं हालांकि इन सबके बावजूद भी कैंपस से छात्र नेता और छात्र नजारत रहे जिसका गुस्सा छात्रसंघ भवन पर देखने को मिला और जमकर हंगामा हुआ।