महिला नेताओं ने रखें विचार भारतीय जनता पार्टी की मेजा सीट से उम्मीदवार नीलम करवरिया ने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहीं हैं। अब महिलाएं अपना बल्कि अगर उनको अवसर मिले तो सत्ता भी संभाल सकती है।
समाजवादी पार्टी से शहर पश्चिमी सीट की प्रत्याशी ऋचा सिंह ने कहा कि प्रयागराज राजनीति और शिक्षा के क्षेत्र में पूरी दुनिया मे जाना जाता है। अभी तो महिलाओं का यह कदम शुरुआत है आने वाले समय आधी आबादी में महिलाएं एक साथ होकर काम करेंगी।
कांग्रेस पार्टी से करछना सीट की प्रत्याशी रिंकी पटेल ने कहा कि मैं पहली बार चुनाव मैदान में उत्तरी हूं। चुनाव प्रचार के दौरान गांव-गांव गई तो महिलाओं की समस्या से रूबरू हुईं हूँ। अगर मैं विजयी हुई तो महिलाओं की हक की लड़ाई निश्चित रूप से लड़ूंगी और उनके हक के लिए काम करूंगी।
मेजा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरी शालिनी द्विवेदी ने कहा कि यह बदलाव का दौर है। राजनीति क्षेत्र में अब महिलाओं की भागीदारी बढ़नी चाहिए। राजनीति में हर किसी महिला को आगे आना चाहिए।
आम आदमी पार्टी से शहर पश्चिमी सीट की प्रत्याशी सुष्मिता राघव ने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में कामयाबी का परचम लहरा रहीं है। महिलाएं अब निर्णय लेने में सक्षम हैं। ये मेरा दूसरा चुनाव है इसके पहले काउंसिल का चुनाव लड़ा था।
पति के विरासत को संभाल रहीं राजनीति के गढ़ माने जाने वाले प्रयागराज की तीन ऐसी महिला नेता हैं जिन्होंने अपने पति के विरासत को अच्छे से संभाल रहीं है। समाजवादी पार्टी से प्रतापुर सीट की प्रत्याशी विजमा यादव ने पति के देहांत होने के बाद उनकी विरासत को संभाला और राजनीति को आगे बढ़ाया और इसी तरह राजू पाल के हत्या के बाद समाजवादी पार्टी से कौशाम्बी चायल विधानसभा सीट की प्रत्याशी पूजा पाल ने भी अच्छे से राजनीति को संभाला और परिवार को आगे लेकर गईं। इसके साथ ही उदय भान करवरिया को जेल जाने के बाद नीलम करवरिया ने विरासत को संभालने के साथ ही राजनीति को भी अच्छे से संभाला है।