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पुलिस कांस्टेबल की बेटी है शाइस्तापुलिस शाइस्ता को पकड़ने के लिए हर तरह के जाल बिछा चुकी है लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। एक सिपाही की बेटी पूरे पुलिस महकमें के लिए गले की हड्डी बन गई। शाइस्ता परवीन का जन्म 1 जुलाई 1972 को प्रयागराज के धूमनगंज क्षेत्र में हुआ था। उनके पिता एक पुलिस कांस्टेबल थे। इसलिए उनके घर पर अधिकारियों का आना जाना लगा था। ऐसे में शाइस्ता ने पुलिस विभाग की रणनीति भी सीख ली। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा किदवई मेमोरियल गर्ल्स इंटर कॉलेज प्रयागराज में पूरी की और बाद में स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
अतीक अहमद की पत्नी अब घरेलू महिला से नेता बनने की ओर चल पड़ी थीं। जब शाइस्ता ने बसपा की सदस्यता ग्रहण की थी तब उन्होंने भी एक जोरदार भी भाषण दिया था। शाइस्ता एक कुशल नेता की तरह वहां पर मौजूद जनता को संबोधित किया। लोग उनके भाषण को सुन रहे थे। तब शाइस्ता परवीन कहा था कि उनका पूरा परिवार हमेशा से बहन जी यानी मायावती के साथ रहा है। शाइस्ता ने आगे कहा कि उनके साथ न्याय होगा।
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उमेशपाल की हत्या में नाम आने के बाद से ही शाइस्ता फरारशाइस्ता परवीन मेयर के लिए तैयारी कर रही थी। इसी बीच 24 फरवरी को धूमनगंज इलाके में उमेश पाल हत्याकांड हुआ। जिसमें अतीक अहमद का पूरा परिवार नामजद हो गया। इसी मामले में आरोपी असद और गुलाम को यूपी एसटीएफ ने एनकांउटर में मार गिराया। 48 घंटे के अंदर ही अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या हो जाती है। वहीं अतीक की पत्नी शाइस्ता फरार हैं। उन पर 50 हजार का इनाम है। शाइस्ता का चौथा बेटा अहजम और पांचवा बेटा अबान बाल सुधार गृह में है। उनके दो बेटे उमर और अली पहले से ही जेल में बंद हैं। कुछ इस तरह अतीक का पूरा परिवार अर्श से लेकर फर्श तक आ गया।