प्रयागराज का करोड़पति स्वीपर का कैसे हुआ खुलासा प्रयागराज के करोड़पति स्वीपर धीरज जिला कुष्ठ रोग विभाग में स्वीपर के पद पर नौकरी करता था। धीरज के पिता भी उसी अस्पताल में सफाई कर्मचारी थे और उनकी मृत्यु के बाद धीरज को नौकरी मिल गई थी। वह करोड़पति है। इस बात का खुलासा मई 2022 में तब हुआ था जब बैंक वाले धीरज को खोजते हुए कुष्ठ रोग विभाग पहुंचे। फिर क्या था सब उसे करोड़पति स्वीपर कहकर पुकारने लगे थे। धीरज ने यह संपत्ति अपने पिता और खुद की मेहनत से कमाई थी। धीरज को पिता सुरेश चंद्र जिला कुष्ठ रोग विभाग में स्वीपर के पद पर कार्यरत थे। नौकरी में रहते उसकी मौत हो गई। इसके बाद दिसंबर 2012 में उसके पिता की नौकरी धीरज को मिल गई।
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– इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला सिर्फ आर्य समाज का सर्टिफिकेट विवाह के लिए मान्य नहीं खाते से नहीं निकालते पैसा किसी अजीब कारण से पिता और पुत्र दोनों ने कभी भी अपने वेतन खाते से एक भी पैसा नहीं निकाला था। मृतक धीरज के एक दोस्त ने बताया कि, धीरज ने कभी भी अपने खाते से पैसे नहीं निकाले। वह और उनकी मां बाद की पेंशन पर जीवित रहे और अगर उन्हें पैसे की जरूरत होती तो वह दोस्तों, कार्यकर्ताओं और यहां तक कि बाहरी लोगों से भी मांगते थे। उनके खाते में 70 लाख रुपए से अधिक है।
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– UP Top News : सुभासपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र राजभर का पार्टी से इस्तीफा, मची खलबली शादी से डरते थे करोड़पति स्वीपर दोस्त ने आगे बताया कि, कुछ महीने पहले, कुछ अधिकारी धीरज से पैसे के बारे में पूछताछ करने आए और उन्होंने अपने स्पष्टीकरण से उन्हें संतुष्ट किया। दोस्त ने कहा, उसने शादी नहीं की क्योंकि उसे डर था कि महिला उसके पैसे लेकर भाग जाएगी। वह हर साल आयकर रिटर्न भी दाखिल करते थे।