राजस्थान के पत्थर से तैयार होंगे घाट संगमनगरी में बहने वाली गंगा और यमुना किनारे 12 घाटों का प्रस्ताव जल्द ही मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत शासन को भेजेंगे। लगभग 110 करोड़ रुपये इन स्नान घाटों के निर्माण के लिए खर्च होंगे। इस प्रोजेक्ट में बजट बढ़ भी सकता है। इसकी जिम्मेदारी सिचाई विभाग व बाढ़ खंड को दी गई है। जिसे महाकुंभ के कार्यों के प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान मंडलायुक्त ने स्वीकृति दी है। मंडलायुक्त ने इन घाटों को विशेष माडल के रूप में बनाने पर जोर दिया है। साथ ही राजस्थान के पत्थरों का प्रयोग करने को कहा है। साथ ही साथ अद्भभुद लाइटिंग से जगमग करने के लिए विशेष लाइटिंग लगाने को कहा गया है।
इन घाटों को बनाएगा जाएगा पक्का महाकुंभ से पहले दारागंज स्थित गंगा के दशाश्वमेध घाट का निर्माण शुरू कराया जाएगा। इस घाट का निर्माण ऐसा हो कि पानी कम होने पर भी इसकी सुंदरता बनी रहे। मंडलायुक्त ने कहा है कि इसे इस तरह बनाया जाए कि गंगा में पानी कम भी हो तो घाट की उपयोगिता बनी रहे। घाट की सीढिय़ों को बेहतरीन ढंग से बनाया जाए। इसके आसपास लाइटिंग भी बेहतर हो। चारो ओर हाईमास्ट की व्यवस्था के भी निर्देश दिए हैैं। इसके साथ ही अरैल, झूसी, छतनाग और पुराने यमुना पुल से लेकर नए यमुना पुल तक पक्का घाट बनाए जाएंगे। निर्माण के लिए जैसे ही शासन से मंजूरी मिलेगी तो टेंडर आदि की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। महाकुंभ 2025 से पहले सभी पक्के घाटों का निर्माण पूरा हो जाएगा।
पक्के घाट बनेंगे आकर्षण का केंद्र काशी के तर्ज पर गंगा-यमुना के किनारे 12 पक्के घाट बनाए जाएंगे। इससे ये पूरा क्षेत्र आकर्षण केंद्र हो जाएगा। इन घाटों पर आकर्षक लाइटिंग के साथ ही कैफेटेरिया व चेंजिंग रूम भी बनाए जाएंगे। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने कहा कि महाकुंभ के पहले इन घाटों का निर्माण करा लिया जाएगा। घाटों के निर्माण के लिए जल्द ही प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। जल्द ही काम शुरू किया जाएगा।