दोपहर 12 बजे के बाद निकलेगा काफिला
यमुना तट स्थित मौजगिरि आश्रम से दोपहर 12:30 बजे छावनी प्रवेश के लिए जूना अखाड़े का विशाल काफिला निकलेगा। सबसे आगे अखाड़े के देवता चलेंगे। इनके बाद रमता पंच, शंभू पंच, श्री पंच, बूढ़ा पंच घोड़ों पर सवार होकर निकलेंगे। इनके अलावा घोड़ों पर डंका निशान और ध्वजापताकाएं लेकर नागा संन्यासी चलेंगे। शंखनाद, डमरू नाद के साथ ही तरह तरह के बैंड बाजा मंगाए गए हैं।
150 से अधिक रथों पर संतों की सवारियां निकलेंगी
गुरु दत्तात्रेय की चरण पादुका भी रथारूढ़ रहेगी। जूना अखाड़े के प्रवक्ता श्री महंत नारायण गिरि ने बताया कि पूरे सजधज के साथ छावनी प्रवेश होगा। इसमें 10 हजार से अधिक नागा संन्यासी भाग लेंगे संन्यासिनियां और महिला महामंडलेश्वर भी रथों पर सवार होकर निकलेंगी। इसमें 65 से अधिक महामंडलेश्वर अलग-अलग रथों पर सवार रहेंगे। 150 से अधिक रथों पर संतों की सवारियां निकलेंगी। जूना अखाड़े के संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरि ने छावनी प्रवेश की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। किन्नर संत भी होंगे शामिल
इस विशाल छावनी प्रवेश में नागा संन्यासी अस्त्र-शस्त्र के साथ चलेंगे। इसमें बड़ी संख्या में किन्नर संत भी शामिल होंगे। आचार्य महामंडलेश्वर, महामंडलेश्वर, जगद्गुरु पीठाधीश्वर महंत सहित अन्य पदाधिकारी छावनी प्रवेश में हिस्सा लेने के लिए पहुंच गए हैं। छावनी प्रवेश के दौरान जगद्गुरु स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती, जूना अखाड़े के अध्यक्ष महंत प्रेम गिरी, गर्गाचार्य मुचकुंद पीठाधीश्वर स्वामी महेंद्रानंद गिरि, जगद्गुरु स्वामी भुवनेश्वरी गिरिभी पहुंच गई हैं।