मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना रामायण सर्किट में आने वाला श्रृंगवेरपुर धाम जल्द ही धार्मिक स्थल के रूप में अपनी भव्यता के साथ नजर आएगा। दरअसल राज्य सरकार ने श्रृंगवेरपुर को पौराणिक पहचान लेने के लिए साथ ही श्रद्धालुओं और भक्तों को इसकी महत्ता से रूबरू कराने के लिए सालों से उपेक्षित पड़े इस स्थल को विकसित करने का बीड़ा उठाया है। कुंभ में आने वाली अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को यहां पर लाने की योजना है। श्रृंगवेरपुर में भगवान राम और निषादराज गुह की मिलन स्थल के दर्शन के लिए पहली बार सरकार और मेला प्रशासन प्रयासरत दिख रहा है।
28 करोड़ की लागत से शुरू हुई योजनायें
श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित करने के लिए सरकार ने 28 करोड़ रुपए की लागत से योजनाएं शुरू की हैं। जिसमें 14 करोड़ की लागत से गंगा के पर पक्के घाट का निर्माण और 5.5 करोड़ की लागत से टूरिस्ट फैसिलिटी सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है। इसके साथ ही सीताकुंड पर अलग घाट श्रद्धालुओं के लिए शौचालय सोलर लाइट और बैठने के लिए व्यवस्थाएं की जा रही है। साथ ही कुंभ मेले के बजट से 40 लाख रुपये खर्च करके घाट पर चेंज रूम, यात्री शेड का भी निर्माण कराया जा रहा है। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि उम्र से पहले यह सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।
29 वर्षों से रामायण मेले का हो रहा आयोजन
श्रृंगवेरपुर में पिछले 29 वर्षों से रामायण मेले का आयोजन कर रहे राष्ट्रीय रामायण मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ बालकृष्ण पांडे ने राज्य सरकार से श्रृंगवेरपुर के विकास के साथ ही यहां पर एक अंतरराष्ट्रीय रामायण सेंटर और गंगा रिवर फ्रंट की भी मांग की है। ताकि इस भगवान राम और निषाद राज गुहा की समरसता के संदेश को पूरी दुनिया में लाया जा सके।
नई पहचान दिलाने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी
बरहाल कुंभ से पहले श्रृंगवेरपुर को नई पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटी है। श्रृंगवेरपुर वह स्थान है जहां पर राम जन्म भूमि अयोध्या के बाद मर्यादा भगवान पुरुषोत्तम राम की दूसरी सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित होगी। भगवान राम की निषादराज गुह से गले मिलते हुए विशाल प्रतिमा स्थापित किए जाने की डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बीते 19 नवंबर को श्रृंगवेरपुर रामायण मेला में घोषणा कर चुके है।