दिसंबर 2016 में औपचारिक रूप से सपा में शामिल होने वाली ऋचा सिंह अक्टूबर 2015 में सपा के समर्थन से इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ (AUSU) की अध्यक्ष चुनी गई थीं। बाद में सपा ने 2017 में ऋचा सिंह को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह इस चुनाव में हार गई थीं।
बता दें कि पूर्व सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर टिप्पणी के विरोध में ऋचा सिंह ने आवाज उठाई थी। दोनों के बीच बयानबाजी भी हुई थी। 16 फरवरी 2023 को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
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लोकसभा चुनाव से पहले BSP को बड़ा झटका, मायावती का साथ छोड़ने की तैयारी में सभी 10 सांसद? हालांकि इसको लेकर ऋचा सिंह ने पार्टी के खिलाफ कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग से गुहार लगाई थी। इसके साथ ही उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव को ट्विटर पर टैग कर निशाना साधा था।