उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य उन सभी स्थानों पर गए जहां से राम मंदिर निर्माण के आंदोलन की रूपरेखा तैयार हुई थी। इन्ही स्थानों से भव्य राम मंदिर निर्माण कराने के सपने को लेकर अशोक सिंघल सहित देश के दिग्गज आगे बढ़े थे। अशोक सिंघल की आवास के बाद विश्व हिंदू परिषद के प्रांत कार्यालय केसर भवन पहुंचे। वहां से कीड़गंज स्थित छात्रावास में गए जहां कभी विश्व हिंदू परिषद का कार्यालय शुरू हुआ था। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पूरे देश ने एकजुटता के साथ इस फैसले का स्वागत और सम्मान किया है। देश के सबसे बड़े मुकदमे का फैसला आने के बाद देशवासियों ने आपसी सौहार्द भी बनाए रखने का काम किया है। उन्होंने कहा कि अब अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। प्रयागराज वह धरती है जहां से राम जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण के लिए आंदोलन की रूपरेखा तैयार हुई और आंदोलन की शुरुआत भी यहीं से हुई।
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उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में विश्व हिंदू परिषद का कार्यकर्ता होने के नाते मैं ही इस आंदोलन का हिस्सा रहा हूं, यह मेरा सौभाग्य है। इस दौरान उन्होंने अपने मार्गदर्शक अशोक सिंघल को याद करते हुए कहा कि आज उनकी आत्मा को प्रसन्नता मिली होगी। साथ ही अपने बीते हुए समय को याद करते हुए उन्होंने कहा कि 1989 से लगातार इस विश्व हिंदू परिषद के साथ काम करते करते मैं आज सत्ता में जहां भी हूं। इस दौरान उन्होंने कहा कि राम राम भक्त हूं और उनके प्रति मेरी श्रद्धा है उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने आया हूं।
गौरतलब है कि केशव विश्व हिंदू परिषद के प्रचारक रहे और पहली बार विश्व हिंदू परिषद से भाजपा में आने के बाद उन्हें फूलपुर लोकसभा से भाजपा की सीट पर सांसद बनने का अवसर मिला। बता दें कि 2014 में फूलपुर सीट पर पहली बार भाजपा का कमल खिला और केशव प्रसाद मौर्या सांसद बने। वहीं उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने यूपी में भारी बहुमत से सरकार बनवाने में अपनी पूरी ताकत लगा दी । फिर लोकसभा से इस्तीफा दिया और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बने।