एक साल बाद फिर आधी रात को क्यों थाली और लोटा लेकर सड़क पर निकले छात्र, वजह जानकर आप हो जाएंगे हैरान
यह था पूरा मामला अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि 20 सितंबर को सोमवार की शाम 5:30 बजे अल्लापुर स्थित बाघम्बरी मठ पर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मठ के कमरे में ही महंत ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की पुलिस ने पुष्टि की थी। महंत नरेंद्र गिरि अचानक मौत हो जाने से कई विवादों पर उंगली उठाई जा रही है। महंत अध्यक्ष पद के निर्वाहन करने के साथ ही वह संत जीवन में कई विवादों से घिरे थे। महंत मौत की जांच सीबीआई को सौंपी गई और जांच करने के बाद सीबीआई ने कुछ रिपोर्ट न्यायालय में पेश किया था। रिपोर्ट आधार पर आनंद गिरि पूरी तरह से आरोपी साबित नहीं है लेकिन मामले में जांच जारी है।प्रयागराज कीडगंज गोलीकांड: निलंबित सिपाही समेत तीन गिरफ्तार, भेजे गए जेल, जाने हत्या की वजह
महंत नरेंद्र गिरि से जुड़े चर्चित विवाद – महंत ने अपने सबसे करीबी शिष्य को आनंद गिरी को बाघम्बरी मठ से और लेटे हुए हनुमान मंदिर से निष्कासित कर दिया था। जानकारी के अनुसार महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद के ऊपर मठ पैसों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाकर निष्कासित किया था। उसके बाद आनंद गिरि ने महंत के खिलाफ कई वीडियो सोशल मीडिया वायरल करके कई आरोप महंत नरेंद्र गिरि पर लगाये थे। इसके बाद महन्त आनंद गिरि ने 26 मई को नरेंद्र गिरि के पैर पकड़कर माफी मांगकर विवाद खत्म करने का बात सोशल मीडिया में बताई थी।– महंत नरेंद्र गिरि का 2012 में सपा विधायक से जमीनी विवाद था। हंडिया के विधायक महेश नारायण से लंबे समय तक जमीनी विवाद चला था। इस मामले में महंत ने जार्जटाउन थाने में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था।