रामपुर विकास प्राधिकरण (Rampur Development Athaurity) ने रिजाॅर्ट के ध्वस्तीकरण के आदेश दिये थे, जिसके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट (Alahabad High Court) में याचिका दाखिल कर इस पर रोक लगाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए फिलहाल ध्वस्तीकरण पर रोक (Stay on Demolition) लगा दी है।
हाईकोर्ट ने रामपुर विकास प्राधिकरण के ध्वस्तीकरण के आदेश को गलत माना है। कोर्ट ने विभागीय अपील के लिये याची को दो सप्ताह का समय दिया है, जबकि संबंधित प्राधिकारी को अपील का निस्तारण चार सप्ताह के अंदर करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि इस दौरान ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की जाएगी।
आजम की पत्नी तंजीम फातिमा ने खटखटाया था कोर्ट का दरवाजा
पूर्व मंत्री और सांसद आजम खान के खिलाफ चल रही कार्रवाईयों के क्रम में रामपुर विकास प्राधिकरण की आेर से बीते 27 अगस्त 2020 को डाॅ. तंजीम फातिमा के नाम से बने ‘हमसफर रिजाॅर्ट’ के ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया था। इस नोटिस को डाॅ. तंजीम फातिमा की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई थी। उनकी याचिका पर जस्टिस शशिकांत गुप्ता और जस्टिस पीयूष अग्रवाल की बेंच ने सुनवाई करते हुए ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी।
हालांकि रामपुर विकास प्राधिकरण और राज्य सरकार के वकीलों ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याची के पास अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट के तहत ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ अपील दाखिल करने का विकल्प मौजूद है। पर ऐसा न करके उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका पोषणीय नहीं है। डॉ. तंजीम फातिमा के वकील सफदर अली काजमी का कहना था कि अपील दो सप्ताह के भीतर दाखिल कर दी जाएगी। तब तक ध्वस्तीकरण पर रोक लगाई जाय और एक निश्चित अवधी के भीतर अपील के निस्तारण का आदेश दिया जाय। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि याची के पास अपील दाखिल करने का विकल्प है।