राजनीति के शौक ने बढ़ाया उमेश से बैर
दिनेश पासी और उमेश पाल दोनों को ही राजनीति का शौक रहा। उमेश पाल जिला पंचायत सदस्य रहे तो पासी भी पार्षद रह चुका है। ये राजनीति ही थी जिसने पासी और उमेश के बीच रंजिश पैदा की।
दिनेश की अतीक से नदजीकी बढ़ी तो उसने अतीक को साल 2004 में पार्षद का चुनाव लड़ाया और दिनेश सुलेम सराय से पार्षद बन गया। साल 2004 में ही दिनेश के पीसीओ में तोड़फोड़ और लूटपाट हुई। दिनेश ने जिन लोगों को इस मामले में धूमनगंज थाने में नामजद कराया, उनमें एक नाम उमेश पाल का भी था।
इस घटना ने दोनों के बीच रंजिश को काफी उभार दिया। इसके बाद 2005 में राजूपाल की हत्या हुई तो इसमें दिनेश पासी को आरोपी बनाया गया। दिनेश पासी मामले में जमानत पर छूटा तो 2007 में उमेश ने उसको अपने अपहरण के केस में नामजद कर दिया।
10 में से 7 आरोपी हुए बरी
MP-MLA कोर्ट ने उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद, दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस केस में 10 आरोपी थे। कोर्ट ने अतीक अहमद के भाई अशरफ समेत दूसरे 7 आरोपियों को निर्दोष पाते हुए बरी कर दिया है।
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2006 में हुआ था उमेश का अपहरण
उमेश पाल ने 5 जुलाई 2007 को अतीक और उसके भाई अशरफ के खिलाफ अपहरण का केस किया था। उमेश ने आरोप लगाया था कि फरवरी, 2006 में उसको किडनैप कर मारपीट की गई थी। इसी साल 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी।