वही दूसरा आरोपी अमित यादव छिवकी रेलवे स्टेशन पर टेक्निशियन है। सरकारी नौकरी के बाद भी अमीर बनने की चाह में वह इस गैंग से जुड़ गया अमित पर जिम्मेदारी थी कि वह टीईटी अभ्यर्थियों को लाएगा ।जो पास होने के लिए मोटी रकम देते हैं ।तीसरा आरोपी अश्विनी श्रीवास्तव की बाइक की सबडीलरशिप है। इस गैंग का सरगना संजय बहुत ही शातिर है जिसे लोग गुरु कह कर बुलाते हैं। बताया जा रहा है कि उसने सात गाड़ियां रखी है। पुलिस को चकमा देने के लिए वह अपनी लोकेशन हमेशा बदलता रहता था। लेकिन एसटीएफ को चकमा नहीं दे पाया। वहीं इस बात की भी चर्चा है कि भाजपा नेता की गिरफ्तारी के बाद से छुड़ाने के लिए कई तरह की कोशिश भी की गई। लेकिन एसटीएफ ने किसी की नहीं सुनी।
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भाजपा नेता की गिरफ्तारी के बाद कैबिनेट मंत्री के मीडिया प्रभारी दिनेश तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया है कि उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं खादी मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने चंद्रमा यादव को दो साल पहले 2018 में ही प्रतिनिधि पद से हटा दिया था।उस समय हैंडपंप स्थापना विवाद में कार्यकर्ताओं के प्रबल विरोध पर कैबिनेट मंत्री चंद्रमा सिंह यादव ने प्रतिनिधि को हटाया था। उसके बाद राम लोचन साहू को शहर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र के हैंडपंप स्थापना की जिम्मेदारी दी गई थी। भाजपा में जिले के प्रमुख पदों पर रहने के चलते चन्द्रमा यादव की जान पहचान जिले जिले से आने वाले प्रदेश के सभी नेताओ से थी।