BJP अवध ओझा को उत्तर प्रदेश की कैसरगंज लोकसभा सीट से चुनाव लड़वा सकती है। कैसरगंज से अभी मौजुदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह हैं। कई बार लोकसभा चुनाव जीत चुके बृजभूषण शरण सिंह पर कई महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया। इसके बाद उनके खिलाफ जांच की जा रही है। ऐसे में अब तक बृजभूषण शरण सिंह को भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। और यह संभावना भी जताई जा रही है कि BJP इस बार उनका टिकट काट सकती है। ऐसे में बृजभूषण शरण सिंह की जगह अवध ओझा को मैदान में उतारा जा सकता है। अवध ओझा मूल रूप से यूपी के गोंडा जिले के रहने वाले हैं। और वह सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हैं। यूट्यूब, इंस्टाग्राम पर उनकी रील्स काफी वायरल होती रहती हैं।
अवध ओझा के जिस दूसरी सीट के चुनाव लड़ने की संभावना है। वह प्रयागराज लोकसभा सीट है। सूत्रों के मुताबिक प्रयागराज से सांसद रहीं रीता बहुगुणा जोशी का भी टिकट भाजपा इस बार काट सकती है। और बीजेपी यहां से अवध ओझा को टिकट दे सकती है। दरअसल प्रयागराज में बड़ी संख्या में छात्र कोचिंग में पढ़ने आते हैं। वहीं अवध ओझा के भी लोकप्रिय शिक्षक होने की वजह से BJP को फायदा मिल सकता है। हालांकि अवध ओझा राजनीति में आने की तो ख्वाहिश तो जता चुके हैं। लेकिन क्या भाजपा के टिकट पर ही चुनाव लड़ेंगे। और यदि लड़ते हैं तो कैसरगंज या प्रयागराज में से किसी एक सीट से उन्हें उतारा जा सकता है। इस पर अवध ओझा ने चुप्पी साध रखी है। इस बारे में अब तक उन्होंने कोई भी आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
भाजपा ने अब तक प्रत्याशियों की 2 सूची जारी कर दी है। पहली लिस्ट में 195 नामों की घोषणा की गई थी। तो दूसरी लिस्ट में 72 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान हुआ। सिर्फ पहली ही लिस्ट में यूपी के उम्मीदवारों की जानकारी दी गई है। BJP ने पहली लिस्ट में बृजभूषण शरण सिंह, मेनका गांधी, वरुण गांधी आदि जैसे कई बड़े नामों को जगह नहीं दी। जिसके बाद तरह-तरह की अटकलें लगने लगीं। महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण मामले में बृजभूषण शरण सिंह का नाम आने की वजह से माना जा रहा है कि भाजपा लोकसभा चुनाव में उनसे दूरी बना सकती है। हालांकि सूत्रों का यह भी दावा है कि बड़ा चेहरा होने के चलते भाजपा बृजभूषण के किसी करीबी को भी टिकट दे सकती है। इसके अलावा, सुल्तानपुर और पीलीभीत से सांसद मेनका गांधी और वरुण गांधी के भी टिकट कटने की भी संभावना हैं।