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प्रयागराज

अतीक के आतंक का हुआ अंत, जेल में लगाता था दरबार, 8 लोगों की उधेड़ी थी चमड़ी

अतीक ने देवरिया जेल की बैरक नंबर 7 में 3 अप्रैल 2017 से 31 दिसंबर 2018 के बीच अतीक और उसके गुर्गों ने कई लोगों की चमड़ी उधेड़ी थी।

प्रयागराजApr 16, 2023 / 10:38 pm

Krishna Pandey

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अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कसारी-मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया है। इसी के साथ अतीक के आतंक का आज अंत हो गया। लेकिन अतीक से जुड़ी कई आतंक की कहानियां लोगों की जेहन में आज भी बसी है। उसी में एक कहानी है जब अतीक ने एक व्यापारी को किडनैप करके जेल के अंदर उसकी चमड़ी उधेड़ दी थी।
माफिया अतीक अहमद ने देवरिया जेल की बैरक नंबर सात को यातना गृह में तब्दील कर दिया था। यहीं पर उसका दरबार भी सजता था। इस यातना गृह में उसने 20 महीने में कई लोगों की चमड़ी उधेड़ी थी। क्राइम ब्रांच ने फिलहाल ऐसे 8 लोगों को ढूंढ निकाला था, जिनपर अतीक ने जुल्म ढाया था।
पड़ताल में खुलासा हुआ कि जेल में अतीक के दरबार में उसके गुर्गे जेलकर्मियों की मिलीभगत से बेरोकटोक आते-जाते थे। पुलिस ने अतीक और देवरिया जेल में बंद उसके चार गुर्गों को कोर्ट में तलब कराने के बी वारंट जारी कराया है।
माफिया अतीक अहमद के गोमतीनगर के रियल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल को अगवा करके देवरिया जेल में बंधक बनाकर पिटाई और कंपनी गुर्गों के नाम कराने के मामले की पड़ताल में बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए थे।
देवरिया जेल की बैरक नंबर 7 में 3 अप्रैल 2017 से 31 दिसंबर 2018 के बीच अतीक और उसके गुर्गों ने कई लोगों की चमड़ी उधेड़ी थी। जेल से उसके इशारे पर गुर्गों ने यातनाएं देकर रंगदारी वसूली और जमीन पर कब्जे किए थे।
मोहित जायसवाल प्रकरण में फरार अतीक के बेटे उमर और गुर्गों की तलाश में छापामारी के साथ क्राइम ब्रांच ने आठ ऐसे लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जिनकी देवरिया जेल की बैरक नंबर-7 में चमड़ी उधेड़ी गई थी। अतीक की दहशत के चलते इन लोगों ने पुलिस से शिकायत नहीं की थी।
लखनऊ के रियल इस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल का अपहरण 26 दिसंबर को 2018 को लखनऊ से किया गया था। अपहर्ता उसे लेकर देवरिया जेल गए थे जहां अतीक अहमद बंद था। जेल में ही अतीक ने मोहित को जमकर पीटा और उसकी दो कंपनियों को अपने गुर्गों के नाम लिखवा लिया था। 28 दिसंबर को जब मोहित ने लखनऊ के कृष्णानगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई तो हड़कंप मच गया था।
मोहित के अपहरण से प्रदेश भर में मच गया था हड़कंप, जेलर हुआ था निलंबित
लखनऊ के रियल इस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल के अपहरण से दिसंबर 2018 में प्रदेश भर में हड़कंप मच गया था। अतीक अहमद ने बिल्कुल फिल्मी माफियाओं की तरह मोहित को लखनऊ से उठवा लिया। अपहर्ता को उसे लेकर देवरिया जेल के अंदर गए। वहां कई घंटों तक अतीक और उसके गुर्गों ने मोहित को पीटा था। जेल के अंदर ही मोहित की दो कंपनियों को अतीक ने अपने गुर्गों के नाम लिखवा लिया था। 28 दिसंबर को मोहित ने जब कृष्णानगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई तो सबसे पहले जेलर मुकेश कटियार को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद डिप्टी जेलर देवकांत यादव, हेड वार्डर मुन्ना पांडेय, राकेश शर्मा और राम आसरे को भी निलंबित किया गया था।

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