सोनिया गांधी तक पंहुचा मामला
नगर निगम से 4.36 करोड़ों रुपए बकाए का नोटिस मिलने के बाद मामला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तक पंहुचा था।जिसके बाद नवंबर में ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी से मिलकर मामले के निस्तारण का अनुरोध किया था। महापौर ने ट्रस्ट के अधिकारियों को ट्रस्ट द्वारा संबंधित दस्तावेजों को नगर निगम में जमा करने की सलाह दी गई थी।जिस पर निगम जोन 4 की कर निर्धारण टीम ने आनंद भवन का भौतिक सत्यापन किया और मुख्य कर निर्धारण अधिकारी को रिपोर्ट सौंप दी।आनंद भवन के चैरिटेबल ट्रस्ट होने के दस्तावेज भी दिए थे। जिसकी जांच निगम के अधिकारियों द्वारा कराई गई।
कोर्ट में है मामला
मिली जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट में कहा गया है कि आनंद भवन में कामर्शियल गतिविधियां चल रही है। आनंद भवन गृह कर के दायरे में आता है।इसलिए छूट नहीं मिल सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि टैक्स को लेकर ट्रस्ट का एक मामला न्यायालय में लंबित है ऐसे में कर का पुर्न निरीक्षण नहीं किया जा सकता ।ऐसी दशा में ट्रस्ट को गृह कर देना ही होगा ।नगर आयुक्त रवि रंजन का कहना है कि कर विभाग की रिपोर्ट के क्रम में ट्रस्ट को पत्र भेज दिया गया है। अभी तक ट्रस्ट से कोई जवाब नहीं मिला है।
कांग्रेसी भड़क सकते है
नगर निगम के दस्तावेजों में जवाहरलाल नेहरू ट्रस्ट के अधीन आनंद भवन संग्रहालय और तारामंडल पर गैर आवासीय गृह कर लगाया जा रहा है। ट्रस्ट द्वारा 600 वार्षिक गिरी कर जमा किया जा रहा है। जबकि नगर निगम के अनुसार जवाहरलाल नेहरू ट्रस्ट पर 827050 रुपए वार्षिक देख कर लग रहा है जो ब्याज समेत 4.36 करोड रुपए बकाया है। वही आनंद भवन पर टैक्स के मुद्दे को लेकर पहले भी कांग्रेसियों ने अपना विरोध जताया था। ऐसे में एक बार निगम के बहाने सरकार बनाम कांग्रेस की जग छिड़ सकती है।