न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, “केंद्र और राज्य सरकार बताएं कि सरकारी खर्चे पर या सरकार की वित्त पोषित करते हुए, मजहबी शिक्षा कैसे दी जा रही है? सचिव,अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय, भारत सरकार और प्रमुख सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ, याचिका पर जवाब देने के साथ-साथ हलफनामा दाखिल करते हुए लिखे हुए प्रश्नों के उत्तर दें।”
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मदरसे में पढ़ाने के बाद भी नहीं मिल रहा वेतनयाची ने कोर्ट से सामने वेतन न दिए जाने के विषय में हस्तक्षेप करने की अपील की है। याची का कहना है, “वह जौनपुर के शुदनीपुर में एक मदरसे में पढ़ाता है। लेकिन उसे वेतन नहीं दिया जा रहा है।” न्यायालय ने याची के मामले पर यह भी आदेश दिया है कि यदि याची उक्त मदरसे में पढ़ाता है और उक्त मदरसा सरकार से धन प्राप्त करता है तो उसके छह अप्रैल 2016 के नियुक्ति पत्र के अनुसार उसे वेतन का भुगतान किया जाए।