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इलाहाबाद हाईकोर्ट: अभियंता को नियमानुसार नियमितीकरण पदोन्नति व सेवा लाभ देने का निर्देश

विपक्षी कर्मचारी की तरह याची को भी नियमित करने,वरिष्ठता आदि सारे सेवा लाभ तीन माह में देने पर विचार करने का निर्देश दिया है। मामले में यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने नगर पालिका मेरठ में कनिष्ठ अभियंता प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता राम कुमार सिन्हा ने बहस की है। दलील पेश करते हुए कहा कि याची की 7 मार्च 95 में कनिष्ठ अभियंता पद पर तदर्थ नियुक्त किया गया और 11अक्टूबर 2006 में नियमित किया गया।

प्रयागराजJul 18, 2022 / 10:46 pm

Sumit Yadav

इलाहाबाद हाईकोर्ट: अभियंता को नियमानुसार नियमितीकरण पदोन्नति व सेवा लाभ देने  का निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट: अभियंता को नियमानुसार नियमितीकरण पदोन्नति व सेवा लाभ देने का निर्देश

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक ही नियम से तदर्थ नियुक्त दो अधिकारियों में से एक को नियुक्ति तिथि से नियमित कर पदोन्नति देने और दूसरे को इंकार करने के खिलाफ याचिका को स्वीकार कर लिया है। विपक्षी कर्मचारी की तरह याची को भी नियमित करने,वरिष्ठता आदि सारे सेवा लाभ तीन माह में देने पर विचार करने का निर्देश दिया है। मामले में यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने नगर पालिका मेरठ में कनिष्ठ अभियंता प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की याचिका पर दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता राम कुमार सिन्हा ने बहस की है। दलील पेश करते हुए कहा कि याची की 7 मार्च 95 में कनिष्ठ अभियंता पद पर तदर्थ नियुक्त किया गया और 11अक्टूबर 2006 में नियमित किया गया। जबकि उसे 9 मार्च 98 से नियमित किया जाना चाहिए। वहीं पर इसी नियमावली के तहत परमानंद मिश्र की तदर्थ नियुक्ति की गई थी। उन्हें 2015 में नियमित किया गया। हाईकोर्ट के आदेश पर उन्हें 1मार्च 2008 से नियमित किया गया।याची से कनिष्ठ होने के बावजूद उन्हें वरिष्ठता देकर पदोन्नति भी दे दी गई है। इसी आधार पर याची को भी 9मार्च 98से नियमित कर सभी लाभ दिया जाए।
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सरकार की तरफ से कहा गया कि दोनो के अलग विभाग है। नियमावली भी अलग है। इसलिए समानता का अधिकार नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि 1966 की नियमावली के नियम 31मे की गई थी। सरकार का कथन गलत है। याची भी नियमितीकरण, पदोन्नति व अन्य सेवा जनित लाभ पाने का अधिकार है।

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