विश्वविद्यालय में 50 दिन तक आंदोलन चलने के बाद छात्र संघ के निवर्तमान पदाधिकारियों सहित छात्र नेता आमरण अनशन पर बैठे हैं। छात्र नेताओं की मांग है । छात्रसंघ बहाल किया जाए।छात्र नेताओं का कहना है कि छात्रसंघ की बहाली से कम उन्हें कुछ नहीं चाहिए। छात्र संघ को बैन करने या उसका स्वरूप बदलने का कोई कारण ऐसा नहीं है जिसके चलते विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्र संघ को पूरी तरह समाप्त करके छात्र परिषद बनाना पड़े। छात्रों कि मांग है कि कुलपति छात्र नेताओं से आकर मिले उनकी बात सुने। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर राजी नहीं दिख रहा है। वही बीती रात जिला प्रशासन की ओर से अनशन स्थल पर पहुंची फोर्स ने छात्र नेताओं पर अनशन खत्म करने का दबाव बनाया। लेकिन छात्र नेता अड़े रहे और झड़प के बाद प्रशासन को वापस जाना पड़ा।
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प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा है किइलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र 50 दिनों से आंदोलनरत हैं। पिछले 6 दिनों से छात्रसंघ बहाली की मांग के साथ आमरण अनशन पर बैठे हैं। उनकी मांगे अनसुनी है और उनका दमन किया जा रहा है। भाजपा सरकार छात्र.छात्राओं से छात्रसंघ छीनने के लिए इतनी आतुर क्यों है ।
वहीं लगातार चल रही भूख हड़ताल के बाद छात्र नेताओं की हालत बिगड़ने लगी है। विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष एनएसयूआई के नेता अखिलेश यादव को सांस लेने में तकलीफ हो रही है।लगातार बरसात में टेंट के नीचे बैठे छात्र नेता फिर भी हिम्मत नहीं हार रहे है। अखिलेश यादव ने पत्रिका से बात करते हुए कहा कि छात्रसंघ की बहाली के लिए अगर विश्वविद्यालय को हमारी यह हालत मंजूर है तो हम भी आखरी सांस तक छात्र संघ की नर्सरी को बहाल करने के लिए लड़ते रहेंगे तो वहीं पूर्व अध्यक्ष अवनीश यादव ने कहा कि छात्र संघ के लिए जान भी चली जाए तो कोई परवाह नहीं है और हम छात्रसंघ की बहाली से कम कुछ और स्वीकार नहीं करेंगे।