वन विभाग की टीम द्वारा सैंपल लेकर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे जाएंगे। वहीं जिस जगह पर खाने के दाने पड़े हुए थे उनका भी सेंपल लिया गया है। डीएफओ सिंह ने बताया कि बड़ी संख्या में मोरों का मरना गंभीर और चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों के द्वारा फसल में छिड़काव के लिए जहरीली दवा का उपयोग किया जाता है, हो सकता उस दवा से मोरों की मौत हुई हो। यह जांच के बाद ही पता चलेगा। अगर इस वजह से मोरों की मौत हुई होगी तो संबंधित खेत मालिक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।