स्थानीय कारीगरों को मिलेगा बड़ा अवसर
अलीराजपुर जिले के कुशल कारीगर अब तक अपने हुनर के बावजूद गुजरात के सूरत में जाकर रोजगार करने को मजबूर थे। हीरा तराशने की इस परंपरागत कला को अब जिले में ही बढ़ावा मिलेगा जिससे स्थानीय कारीगरों को पलायन नहीं करना पड़ेगा। हीरा उद्योग स्थापित होने के बाद कारीगर अपने घर पर रहकर ही 25 से 30 हजार रुपये महीना कमा सकेंगे।
यह भी पढ़े – रावण को बंदी बनाने वाले MP के राजा को जानते है आप? कोरोना काल से बदली स्थिति
कोरोना महामारी के दौरान कारीगरों ने गुजरात जाने के बजाय अपने जिले में ही काम शुरू कर दिया था। पिछले दो वर्षों में यहां हीरा तराशने की कुछ यूनिटों की स्थापना हुई, जहां करीब 500 कारीगरों को रोजगार मिला।
यह भी पढ़े – रीवा में 14 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त के शिकंजे में फंसा एसडीएम का रीडर आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
हीरा उद्योग की स्थापना से कारीगरों को रोजगार मिलने के साथ जिले की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। सरकार द्वारा भूमि आवंटन और आधारभूत ढांचे के विकास की प्रक्रिया तेज की जा रही है। अन्य कंपनियां भी जिले में निवेश की संभावनाएं तलाश रही हैं।