script1990 में राम नाम लेना अपराध ही नहीं, पुलिस तोड़ देती थी पैर, और कटता था ‘रामभक्ति चालान’ | Rambhakti challan was issued for Ram Mandir in 1990 | Patrika News
अलीगढ़

1990 में राम नाम लेना अपराध ही नहीं, पुलिस तोड़ देती थी पैर, और कटता था ‘रामभक्ति चालान’

Ram Mandir: 1990 के दौर में जब देश में राम लहर दौड़ रही थी, उस समय यूपी में राम नाम लेना अपराध ही नहीं था बल्कि ‘ रामभक्ति चालान’ भी कट जाता था। ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि उस दौर के वह प्रमाण पत्र कह रहा है जो अलीगढ़ की जेल में बंद रहे कार सवकों को दिया गया था। जिस पर लिखा होता था, रामभक्ति चालान।

अलीगढ़Jan 06, 2024 / 07:20 pm

Anand Shukla

aligrah_news.jpg

1990 के दौर में राम नाम लेने पर ‘रामभक्ति चालान’ कटता था।

Ram Mandir 22 जनवरी को भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है। इसके लिए अयोध्या में तैयारी पूरी जोरों पर है। पीएम मोदी के हाथों से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस दिन को पूरा देश एक त्योहार के रूप में मना रहा है। इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ के साथ-साथ यूपी सरकार भी लगी हुई है।
राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश के कोने- कोने में उत्साह का माहौल है। चाहे वह मंदिर हो, रोडवेज समेत हर घर में राम की गूंज है। वहीं, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले लोग मंदिर से जुड़ी अपनी यादें भी शेयर कर रहे हैं।
कटता था राम भक्ति चालान
1990 के दौर में राम का नाम लेना किसी अपराध से कम नहीं था। यहां तक की राम का नाम लेने पर पुलिस टांग तोड़ देती थी। इतना ही नहीं राम भक्ति चालान भी कटता था। ये बात हम नहीं कह रहे बल्कि वह प्रमाण पत्र कह रहा है जो अलीगढ़ की जेल में बंद रहे कार सवकों को दिया गया था। जिस पर लिखा होता था, रामभक्ति चालान।
1990 के दौर में जब कारसेवक अयोध्या में कारसेवा करने जा रहे थे, उस समय पुलिस ने लोगों को बंदी बनाकर जेल भेजा दिया। तब जेल प्रशासन की तरफ से उन्हें एक प्रमाण पत्र दिया जाता था। जिस पर लिखा होता था, 107-16 की धारा में राम भक्ति चालान। ये चालान आज भी कार सेवकों के पास मौजूद है।
पुलिस ने गिरफ्तार करके भेज दिया था जेल
अलीगढ़ जिले के अनुराग वार्ष्णेय कार सेवा में जेल गए थे और उनके पास रामभक्ति चालान भी मौजूद है। इस बारे में उन्होंने बताया कि जब हम लोग कार सेवा के लिए अयोध्या निकले थे तब रेलवे स्टेशन के पास पुलिस ने कई लोगों को पकड़ लिया था। हालांकि, मैं उनसे बचकर ट्रेन में पहुंच गया लेकिन वहां से पुलिस वालों ने जबरदस्ती गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान मेरा एक पैर भी फैक्चर हो गया था। इसके बाद एक दिन बन्ना देवी थाने में बंद रखा फिर वहां से जेल भेज दिया गया।
अनुराग बताते हैं कि उस समय माहौल ऐसा था कि अगर कोई मंदिर भी जाना चाहे तो वह अपराध कर रहे हैं। उस समय मुलायम सरकार की थी, पुलिस वो जुर्म कर रही थी जो मर्डर करने वाले आरोपियों के साथ की जाती है। बहुत डरावना माहौल था, घर के बाहर औरतें निकल नहीं पा रही थीं।

Hindi News/ Aligarh / 1990 में राम नाम लेना अपराध ही नहीं, पुलिस तोड़ देती थी पैर, और कटता था ‘रामभक्ति चालान’

ट्रेंडिंग वीडियो