ये हैं मोबाइल नम्बर एटीएस के स्थानीय प्रभारी हेमेंद्र का कहना है कि मन्नान के बारे में मोबाइल नंबर (9454402321) व लखनऊ नियंत्रण कक्ष के नंबर (9792103156) पर सूचना दी जा सकती है। सूचना देने वाले के बारे में किसी को नहीं बताया जाएगा। एटीएस का कहना है कि एएमयू छात्रसंघ के जरिए छात्रों में फैल रहे भ्रम को दूर करना है। यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि एक छात्र के कारण सभी छात्र संदेह के घेरे में हैं। एएमयू छात्र संघ के पदाधिकारियों के साथ मन्नान के आतंकवादी बनने के बाद पैदा हुए हालात पर बातचीत भी की जाएगी।
किसने उकसाया सबसे बड़े सवाल ये हैं- मन्नान बशीर वानी को आतंकवादी बनने के लिए किसने उकसाया? उसके साथ कौन सम्पर्क में था? क्या हिजबुल मुजाहिदीन के स्लीपिंग मॉड्यूल्स अलीगढ़ में सक्रिय हैं? ऐसा तो नहीं है कि कुछ और छात्र मन्नान की राह पर जाने के लिए अग्रसर हों? मन्नान से कौन-कौन मिलने आता था? सुरक्षा एजेंसियों को इन सवालों के जवाब मिलेंगे तो पता चलेगा कि मन्नान ने बंदूक क्यों थाम ली। इसके लिए यह देखा जा रहा है कि मन्नान के संपर्क में लगातार कौन रहा। सीसीटीवी के मदद से यह पता लगाया जा रहा है कि मन्नान से कौन-कौन मिलने आया करता था। मेल आईडी, फेसबुक, ट्विटर खाते की जांच की जा रही है।
एके-47 के साथ तस्वीर हुई थी वायरल बता दें कि कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के गांव टकीपोरा लोलब निवासी बशीर अहमद वानी का बेटा मन्नान बशीर वानी का तीन दिन पहले सोशल मीडिया में एके-17 रायफल के साथ तस्वीर सामने आने के बाद आतंकी कनेक्शन सामने आया था। वह हिजबुल मुजाहिदीन का सदस्य बन चुका है। खुद हिजबुल के प्रवक्ता ने इसकी सोमवार को पुष्टि की है। मन्नान एएमयू के ज्योलॉजी विभाग से पीएचडी कर रहा था। वह 2012 में एमएससी (एप्लाइड ज्योलॉजी) करने एएमयू आया था। एमफिल के बाद यहीं से पीएचडी कर रहा था। यहां के हबीब हॉल के कमरा नंबर 237 में ज्योलॉजी में ही पीएचडी कर रहे कुपवाड़ा जिले के ही रूम पार्टनर मुजम्मिल हुसैन के साथ रहता था। मुजम्मिल जुलाई-17 में पीएचडी छोड़कर चला गया। एएमयू में मन्नान दो जनवरी तक रहा। उसे एएमयू से बर्खास्तर कर दिया गया है। मन्नान के कमरे की छानबीन की गई। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि कमरे से कोई खास आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली है।