छोटे रास्ते से पहुंचे दरगाह पाक जत्था हर बार ढोल नगाड़ों के साथ जुलूस के रूप में आगरा गेट, गंज, देहली गेट होते हुए दरगाह तक जाता है लेकिन इस बार उन्हें सेंट्रल गल्र्स स्कूल से खजाना गली होते हुए दरगाह तक ले जाया गया। इस बार जायरीन ने बिना किसी ढोल नगाड़ों के चादर को बांध कर सिर पर रख रखी थी। हालांकि जत्थे में शामिल जायरीन ख्वाजा साहब की शान में कव्वालियां गाते हुए दरगाह तक पहुंचे। वहां बुलंद दरवाजे पर उन्होंने चादर को खोल कर सिर पर रखा और आस्ताना तक पहुंचे। वहां मजार शरीफ पर मखमली चादर और अकीदत के फूल पेश कर दुआ की। पाक जायरीन दल में शामिल लोगों को दरगाह जियारत सैयद बिलाल चिश्ती ने करवाई। कुछ जायरीन को जियारत कल्लू मियां ने कराई। वहीं पाक उच्चायुक्त को जियारत सैयद नातिक चिश्ती ने कराई।