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अजमेर

जैसे ही करेंगे स्टूडेंट्स कैंपस में प्रवेश, कॉलेज-यूनिवर्सिटी यूं करेंगे उनका वेलकम

कॉलेज और यूनिवर्सिटी युवाओं का स्वागत करती नजर आएंगी। रैगिंग रोकथाम के तहत यूजीसी ने इसकी पहल की है।

अजमेरNov 17, 2017 / 08:27 am

raktim tiwari

students welcome by college and univesity

students welcome by college and univesity

अगर स्टूडेंट्स अगले सेशन में हायर इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेने जा रहे हैं, तो उनके लिए खास खबर है। अगले सत्र में कॉलेज और यूनिवर्सिटी युवाओं का स्वागत करती नजर आएंगी। रैगिंग रोकथाम के तहत यूजीसी ने इसकी पहल की है। रैगिंग कानून, इससे बचाव और सतर्कता को लेकर नौजवानों के लिए कार्यशाला होगी। पूरे देश में यह पहली बार ऐसी शुरुआत होने जा रही है।
वर्ष 2009 में रैगिंग के चलते छात्र अमन काचरू की मृत्यु हुई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने रैगिंग को दंडनीय अपराध घोषित किया। कॉलेज, विश्वविद्यालयों में एन्टी रैगिंग कमेटियां और प्रकोष्ठ बनाए गए। यूजीसी ने भी हैल्पलाइन नंबर की सुविधा, रैगिंग के खिलाफ पोस्टर, व्याख्यान, संगोष्ठी, नुक्कड़ नाटक जैसे कदम उठाए।
यूजीसी के सचिव पी. के. ठाकुर ने बताया कि सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी सत्र की शुरुआत में युवाओं का स्वागत करेंगे। साथ ही जागरुकता कार्यक्रम, लघु कार्यशाला होंगी। इसमें विद्यार्थियों को रैगिंग रोकथाम कानून, यौन उत्पीडऩ रोकथाम और अन्य जानकारी दी जाएगी। संस्थाओं को सीसीटीवी और शिकायतों का इंतजार करने की बजाय हॉस्टल, किराए पर रहने वाले विद्यार्थियों की कॉलोनी, खेलकूद मैदान, सिनेमा हॉल का आकस्मिक दौरा करना हेागा। यहां विद्यार्थियों से रैगिंग को लेकर पूछताछ करनी होगी।
नुक्कड़ नाटक, फिल्म का सहारा

रैगिंग रोकथाम के लिए यूजीसी ने चार फिल्म तैयार की हैं। सभी कॉलेज, विश्वविद्यालयों को एन्टी रैगिंग फिल्म नियमित रूप से दिखाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा नुक्कड़ नाटक, जागरुकता रैली, लघु फिल्म प्रदर्शन भी किया जा सकेगा। सोशल मीडिया पर रैगिंग रोकथाम के लिए एप बनाए जा सकेंगे। हेल्प लाइन 24 घंटे खुली रखनी होगी।
फिर भी नहीं रुक रही रैगिंग

सुप्रीम कोर्ट के रैगिंग को अपराध घोषित करने के बावजूद कॉलेज और यूनिवर्सिटी में रैगिंग के मामले रुक नहीं रहे। उदयपुर , दिल्ली, अहमदाबाद सहित कई शहरों में रैगिंग के मामले उजागर हो रहे हैं। खासतौर पर इंजीनियरिंग, मेडिकल और यूनिवर्सिटी में रैगिंग का खौफ बना रहता है।
जूनियर स्टूडेंट्स के साथ मारपीट, शारीरिक उत्पीडऩ, पार्टियों के लिए रुपए ऐंठने, कई घंटों तक सजा देने, निजी कामकाज कराने जैसी शिकायतें मिलती हैं। हालांकि अब सभी इंस्टीट्यूट एन्टी रैगिंग रोकथाम सर्टिफिकेट और डिक्लेरेशन फार्म भरवाने लगी हैं, फिर भी रैगिंग पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है।

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