एनसएयूआई जिलाध्यक्ष नवीन सोनी, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष भगवान सिंह चौहान, जितेंद्र गुर्जर, लोकेश गोदारा, श्रीलाल तंवर, चैन सिंह राठौड़ अवतार गुर्जर, दिनेश,रजनीश, मनरूप, और अन्य नारेबाजी करते हुए विश्वविद्यालय पहुंचे। वे मुख्य द्वार को बंद कर वहीं धरने पर बैठ गए। मुख्य कुलानुशासक प्रो. सुब्रतो दत्ता ने बातचीत करने का प्रयास किया तो छात्र नाराज हो गए।
छात्र कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली को मौके पर ही बुलाने पर अड़ गए। इस दौरान सिविल लाइंस थाना पुलिस भी पहुंच गई। तपती धूप में दो घंटे तक धरना-प्रदर्शन के बाद पुलिस ने उन्हें कुलपति को ज्ञापन देने के लिए मनाया।
सब मांगें होंगी पूरी…. कुलपति प्रो. श्रीमाली ने कहा कि मुझे पदभार संभाले एक महीना हुआ है। पिछले प्रदर्शन के अनुरूप हमने टंकियां साफ करा दी हैं। परीक्षा परिणाम निकलने जारी हैं। इस दौरान छात्रों ने फेकल्टी की व्यवस्था, स्थाई खेल सचिव की नियुक्ति, महिला छात्रावास की फीस, सरस्वती माता की मूर्ति की दोबारा प्राण प्रतिष्ठा, तिरंगा फहराने खेल मैदानों में सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग रखी। कुलपति ने कहा सब मांगें जल्द पूरी करेंगे।
गेट पर वाहनों की कतार मुख्य द्वार बंद होने से दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई। कई शिक्षक, आगंतुक और कुलपति की पत्नी भी भीतर प्रवेश नहीं कर पाई। इस दौरान कुछ कार्मिकों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के पक्ष में बोलने का प्रयास किया। तो छात्रों ने उन्हें इस मामले से दूर रहने की हिदायत दे डाली। इसके चलते कर्मचारी को इधर-उधर होना पड़ा। मालूम हो कि यूनिवर्सिटी में कुछ कर्मचारी बेवजह छात्र राजनीति में हस्तक्षेप करते हैँ।