सात बार इस दरवाजे से गुजरने की मचती है होड़ ईद के मौके पर ख्वाजा साहब की दरगाह स्थित जन्नती दरवाजा भी खोला जाएगा। तड़के 4 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक इस दरवाजे से गुजर कर जियारत की जा सकेगी। यह दरवाजा साल में चार बार विशेष मौकों पर ही खोला जाता है। यही कारण है कि दरवाजा खुलने से पहले ही महिला-पुरुष जायरीन की लम्बी कतार लग जाती है। धार्मिक मान्यता है कि कोई बीमार, आर्थिक कारण या शारीरिक अक्षमताओं के चलते हज पर नहीं जा पाता, वह दरगाह स्थित जन्नती दरवाजे से आस्ताना में प्रवेश कर मजार पर मत्था टेकता है। ऐसा भी कहा जाता है कि जो सात बार इस दरवाजे से गुजर कर जियारत करता हैं वह जन्नत का हकदार होता है। इसी ख्वाहिश के चलते अकीदतमंद में जन्नती दरवाजे से गुजरने की होड़ मची रहती है।