चार माह पहले बीसलपुर बांध में दिनोदिन पानी का स्तर घटने पर सरकार की नींद खुली और बांध के पैंदे में जमी मिट्टी हटाने के तहत मुंबई की एक कंपनी को सर्वे कार्य दिया। लेकिन अभी तक इस योजना की भी कोई तैयारी नहीं है। नतीजतन इस बार अनुमानों से परे मानसून में बंपर बारिश के बाद बांध के लबालब होने पर लगातार गेट खोलकर ओवरफ्लो पानी की निकासी करनी पड़ी।
निकासी अभी तक जारी वर्तमान में भी बांध का एक गेट 3 मीटर खोलकर 18 हजार क्यूसेक पानी की निकासी अभी की जा रही है। बनास नदी के त्रिवेणी पर पिछले तीन-चार दिनों से पानी की अच्छी आवक के चलते बांध में लगातार पानी की आवक बनी हुई है। पांचवीं बार पूर्ण भराव क्षमता पर 350.50 आरआर मीटर की कुल भराव क्षमता वाले बीसलपुर बांध से अजमेर व आसपास के क्षेत्र को वर्ष 1994 से पानी की सप्लाई शुरू की गई। जयपुर व आसपास के क्षेत्र को वर्ष 2009 से जलापूर्ति शुरू की गई। बांध बनने के बाद से अब तक 2004, 2006, 2014 तथा 2016 तथा 2019 में अपने पूर्ण भराव क्षमता तक पहुंच सका।
11 साल संभव थी सिंचाई
बीसलपुर बांध परियोजना की दायीं एवं बायीं मुख्य नहर से 256 गांव की करीब 81 हजार 600 हैक्टेयर भूमि सिंचित हो जाती है। इसमें बांध की 56.61 किलोमीटर लंबी दायीं मुख्य नहर से 69 हजार 393 इख्तियार भूमि व 18.65 किलोमीटर लंबी बायीं मुख्य नहर से 122207 हैक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए करीब 8 टीएमसी पानी दिया जाता है। इस वर्ष करीब बांध से अब तक 87 टीएमसी पानी की निकासी की जा चुकी है। अगर यह पानी का नहरों में छोडक़र सिंचाई में काम में लिया जाता तो 11 वर्ष तक का सिंचाई का कार्य हो जाता।
हो जाता ईसरदा बांध लबालब बीसलपुर बांध से इस वर्ष पानी की निकासी में जितना पानी छोड़ा गया अगर ईसरदा बांध बना हुआ होता तो करीब 8 बार इस पानी से भर सकता था। ईसरदा कोपर डेम की भराव क्षमता 10.77 टीएमसी है।
यह है ब्राह्मणी नदी प्रोजेक्ट
तत्कालीन मुख्यमंत्री ने जुलाई 2014 में जारी बजट में जिला चित्तौड़ की तहसील बेगूं में ब्राह्मणी नदी पर बांध का निर्माण कर बीसलपुर बांध में वाटर डायवर्जन के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने की घोषणा की थी। लेकिन विभाग बीते 5 साल में केवल फिजिबिलिटी रिपोर्ट ही तैयार करवा सका। मुख्यमंत्री ने फरवरी 2018 में जारी बजट में कहा था कि बीसलपुर बांध पिछले 16 साल में केवल 4 बार ही पूरा भरा है। इसमें पानी की आवक बढ़ाने के लिए 6 हजार करोड़ की लागत वाली ब्राह्मणी बनास परियोजना तैयार की है। इस परियोजना से जयपुर अजमेर टोंक जिले लाभान्वित होने की उम्मीद थी।
इनका कहना है राज्य सरकार ने बांध की भराव क्षमता 350.50 आरआर मीटर कर रखी है। बांध में पानी घटाने बढ़ाने का कार्य राज्य सरकार के स्तर का है। अगर सरकार चाहे तो बांध का जलस्तर बढ़ा सकती है। बीसलपुर बांध से 19 अगस्त से गेट खोल कर अब तक 87 टीएमसी पानी की निकासी की जा चुकी है।
-मनीष कुमार बंसल, सहायक अभियंता सिंचाई विभाग बीसलपुर परियोजना बीसलपुर बांध से हर वर्ष 18 टीएमसी पानी पीने के उपयोग में लिया जाता है। वर्तमान में अजमेर जिले को करीब 300 एमएलडी एवं जयपुर को 500 एमएलडी पानी प्रतिदिन दिया जा रहा है। बांध से की गई निकासी के पानी से करीब 5 वर्ष तक के पीने का पानी हो जाता।
-रामनिवास जांगिड़, सहायक अभियंता जलदाय विभाग केकड़ीक्च