भीड़ जुटी पर नहीं की किसी ने मदद ट्रॉली में खुले में शव को लेकर बाहर आते समय हर कोई शव को देखने लगा। मगर एम्बुलेंस में शव को लेटाने के लिए एक भी व्यक्ति या कर्मचारी आगे नहीं आया। बाद में एक युवक व एम्बुलेंस चालक ने शव को अंदर लेटाया।
इस लिए ढकना जरूरी-शव का चेहरा व शरीर ढक कर सम्मान दिया जाना जरूरी है।
-शव उतारते समय लोगों के मन में नकारात्मक भाव रोकने के लिए ढकना आवश्यक। मृत्यु प्रमाण पत्र लेना भी मुश्किल
जेएलएन अस्पताल में ब्रॉडडेथ मरीजों के शव (सामान्य मृत्यु) की एंट्री किए बिना लौटा देने से मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए नगर निगम के चक्कर काटने पड़ते हैं। प्राकृतिक मौत होने की स्थिति में एंट्री कर मृत्यु प्रमाण पत्र अस्पताल की ओर से भी उपलब्ध करवाया जाना चाहिए।
अस्पताल प्रशासन की ओर से रसूखदार परिवार के शव के लिए चद्दरें उपलब्ध करवाई जाती है। अगर नियम नहीं भी हो तो भामाशाह व स्वयंसेवी संस्थाओं से मदद मंगवाकर जरूरतमंद व्यक्ति की मृत्यु पर शव ढकने के लिए कफन/ चद्दर उपलब्ध करवाई जानी चाहिए।
अस्पताल में मृत्यु होने पर शव को चद्दर उपलब्ध करवाया जाता है। हालांकि पृथक से व्यवस्था नहीं है। अगर इस ब्रॉडडेथ केस में चद्दर नहीं दी गई है तो जानकारी करवा कर भविष्य के लिए व्यवस्था करवाई जाएगी।