रेंजर मोहनलाल सामरिया और सुधीर माथुर के नेतृत्व में वन विभाग की टीम को बिच्छू बाबा के घर हजारों की तादाद में मरे हुए बिच्छू और इनके तेल से निर्मित दवाएं मिली। इस दौरान दो जिंदा बिच्छू भी बरामद किए गए। विभागीय टीम ने घर के चप्पे-चप्पे की तलाशी (search operation) ली। बिस्तर, बर्तन और अन्य सामान को खोलकर जांचा गया। इस दौरान एक लोहे के बक्सा (boe) भी नजर आया। दुकान पर कामकाज करने वाले व्यक्ति से बक्सा खुलवाया। इसमें भी कुछ मृत बिच्छू (dead scorpoin)मिले। टीम में वन विभाग के जयसिंह, ओमप्रकाश, विशाल, सत्यनारायण और अन्य कार्मिक शामिल थे।
तलाशी के दौरान दुकानदार बिच्छू बाबा नहीं मिला। पूछताछ में दुकान पर कामकाज करने वाले नौकर ने उसके पश्चिम बंगाल (west bengal) में होना बताया। टीम ने तत्काल नौकर को वन्य जीव अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया। उसे अदालत में पेश किया जाएगा।
दरगाह को जोडऩे वाली तारागढ़ संपर्क सडक़, जालियान कब्रिस्तान और आमाबाव इलाके में मादक पदार्थों, जड़ी-बूटियों और शराब का अवैध कारोबार (illegal business) जारी है। पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों के लोगों ने आसपास के पहाड़ी क्षेत्र में कब्जे कर झौंपडिय़ां-मकान बना लिए हैं। इसके अलावा शहरी इलाके में जयपुर रोड, कायड़, रामगंज और अन्य इलाकों में टेंट लगाकर विभिन्न जड़ी-बूटियां और देशी दवाएं बेची जा रही हैं।
सुदीप कौर, उप वन संरक्षक वन विभाग